नारायणपुर: प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से दो बीएसपी कांट्रेक्टर कर्मचारी घायल हो गए. मामला नारायणपुर थाना क्षेत्र का है. जहां कर्मचारी मंगलवार को खोडगांव अंजरेल कैंप के पास पाइप लाइन सुधारने का कार्य कर रहे थे. सुबह नक्सलियों द्वारा पंप हॉउस में तोड़फोड़ की गई थी और नक्सलियों ने वहां पर प्रेशर आईईडी लगाई थी. उसी सुधार कार्य के दौरान प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से कर्मचारी घायल हो गए. दोनों कर्मचारियों को घायल अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया. जहां दोनों ही कर्मचारियों का इलाज चल रहा है.
एक नजर बीते दिनों जवानों ने कहां-कहां IED डिफ्यूज किया
- 15 DEC: कोंडागांव जिले के केशकाल थाना क्षेत्र के होनहेड़ में जवानों ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर सर्चिंग की. इस दौरान जवानों ने 15 और 20 किलो के दो IED बरामद कर उन्हें डिफ्यूज किया. नक्सलियों ने डामर रोड के लगभग 10 फीट नीचे सुरंग बनाकर IED लगाया था, जिसे सावधानीपूर्वक डिफ्यूज किया गया. घटनास्थल से 15 किलोग्राम और 20 किलोग्राम के 2 टिफिन बम के साथ 2 डेटोनेटर, 100 मीटर कार्डेक्स वायर और 10 मीटर सामान्य वायर बरामद किये गये.
- 9 DEC: कांकेर के बैहासालेभाट SSB कैम्प के पास नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया था. एक के बाद एक दो सीरियल IED ब्लास्ट हुए थे. पहला ब्लास्ट सेंदरी बाहर नाला और दूसरा सूखा नाला के पास हुआ था. ब्लास्ट में सभी जवान सुरक्षित थे.
- 15 NOV: कांकेर के ही दुर्गूकोंदल के बीएसएफ कैंप में आईईडी मिला था. सुरक्षाबलों के जवानों ने IED को डिफ्यूज कर दिया था.
- 30 SEP: बीजापुर के कोड़ेपाल में आईईडी ब्लास्ट हुआ. इस घटना में सीआरपीएफ के दो जवानों को मामूली चोटें आई थी.
- 27 SEP: राजनांदगांव जिले के बकरकट्टा के हाथीझोला में पुलिस ने नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए 10 किलो के IED को डिफ्यूज किया था.
- 19 SEP: धमतरी में जवानों ने 5 किलो के IED को डिफ्यूज किया था.
धमतरी में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, आईईडी मिलने के बाद किया निष्क्रिय
IED नक्सलियों का बड़ा हथियार
सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सली IED की मदद ले रहे हैं. कई मामलों में नक्सली कामयाब भी हो रहे हैं. साल 2020 में पुलिस जवानों ने 200 से भी ज्यादा IED बरामद कर निष्क्रिय किया था. हाल के दिनों में कई जवान IED की चपेट में आकर घायल भी हुए हैं. नारायणपुर में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट के जरिए जवानों से भरी बस को उड़ा दिया था, जिसमें 5 जवानों की मौत भी हुई थी.
जोखिम भरा है बस्तर में बम डिफ्यूज करना
जवानों के लिए कई बार बम डिफ्यूज करना बेहद जोखिम भरा भी रहता है. नक्सली अधिकतर प्रेशर और आईडी बम में तांबे की तार का इस्तेमाल करते हैं. तार काफी बारीक होती है. अगर इस तार में धोखे से भी हाथ लग जाए तो बम तुरंत ब्लास्ट हो जाता है. इस वजह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बम निकालना काफी जोखिम भरा होता है. हालांकि BDS की टीम को अकसर सफलता मिलती है.
हाल ही में नक्सलियों ने मनाई थी PLGA की 21वीं वर्षगांठ
बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है. नक्सलियों की सबसे जरूरी सप्लाई चेन को भी तोड़ने में बस्तर पुलिस को सफलता हासिल हो रही है. अब बस्तर के नक्सली छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओड़िशा राज्य के नक्सलियों के भरोसे हैं. इसी बीच 2 दिसम्बर से 8 दिसम्बर तक नक्सलियों ने PLGA की 21वीं वर्षगांठ मनाई थी. इस सप्ताह के ठीक बाद नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. इसी वजह से आयेदिन वे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.