नारायणपुर: अपनी मांगों को लेकर ओरछा मार्ग पर आदिवासियों का आंदोलन जारी है. रास्ते पर बैठे हुए ग्रामीणों को दो दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. एक तरफ जहां आदिवासियों से बस्तर आईजी ने शांति की अपील की थी, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस कैंप का विरोध किए जाने पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा कि, 'आप जानते हैं कि पुलिस कैंप का विरोध कौन करता है ?'
ग्रामीणों की मांग है कि आमदाई खदान को लीज पर न दिया जाए. वे पुलिस कैंप खोले जाने के विरोध में हैं. इसके अलावा वो 6 ग्रामीणों को छोड़ने की मांग कर रहे हैं. धौड़ाई, छोटे डोंगर समेत सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों ने पत्थर और झाड़ियों से रास्ता बंद कर चक्काजाम किया है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे डटे रहेंगे. तेज ठंड के बाद भी ग्रामीण डटे हुए हैं.
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जानकारी मिल रही है कि एसपी और कलेक्टर आंदोलन स्थल पर पहुचेंगे. ग्रामीण रैली में शामिल होने आज भी सैंकड़ों की संख्या में मौजूद हैं. आज नतीजा नहीं निकला, तो आदिवासी आमदई खदान की ओर रुख करेंगे. आमदई में ही आदिवासियों के पत्थर लगाकर आंदोलन करने की जानकारी मिल रही है. वहीं रैली में शामिल समाज प्रमुखों का कहना है ये आंदोलन 17 दिसम्बर तक जारी रहेगा. आज भी इस मार्ग में आवागमन पुरी तरह बाधित है.
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गुरुवार को आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं, जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी. आदिवासी नेता अरविंद नेताम भी आदिवासियों से गुरुवार को मिले.