नारायणपुर : नक्सली के नाम पर 12 अगस्त की रात नारायणपुर-कोंडागांव मार्ग में बस में आगजनी और यात्रियों से लूटपाट करने वाले पूर्व आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पूर्व आत्मसमर्पित नक्सली माधव कुलदीप, हिरदुराम कुमेटी और डोलेन्द्र बघेल के पास से 40 हजार नकद, मोटरसाइकिल और 18 नग मोबाइल जब्त किया गया है. पूर्व में आत्मसमर्पित इन नक्सलियों की खराब आदतें नहीं बदली और आम लोगों को दोबारा नक्सलियों से भी ज्यादा घिनौनी हरकत कर परेशान करते थे. पुलिस ने आरोपियों को बड़ी मुश्किल से धर दबोचा.
ये था मामला
12 अगस्त की रात करीब 8:20 बजे नारायणपुर-कोंडागांव के बीच गंगामुंडा कोकोड़ी के पास नकाबपोश आरोपियों ने हाथ दिखाकर बस को रोका. ड्राइवर ने उन्हें यात्री समझकर बस रोक दी. इसके बाद बस के अंदर गए. वे पास में देसी कट्टा, बंदूक रखे हुए थे. बस में चढ़ते ही ड्राइवर को लाइट बंद कर बस रोकने के लिए कहा और सभी यात्रियों के फोन बंद कराकर फोन के साथ सारा सामान लूट लिया.
इसके बाद यात्रियों, ड्राइवर और कंडक्टर को बस से नीचे उतारकर बस को पीछे की तरफ ले गए और बस के सामने वाले भाग में पेट्रोल डालकर आग लगा दी. लाल सलाम जिंदाबाद के नारे लगाते हुए जंगल की तरफ भाग निकले.
घटना के बाद बस के कंडक्टर सतीश कुमार धोने ने नारायणपुर वापस आकर थाने में घटना की जानकारी देकर रिपोर्ट लिखाई. पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग एक्शन लेते हुए अपनी इंटेलिजेंस टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे.
आरोपी लूटे हुए मोबाइलों को स्विच ऑफ भी नहीं कर पाए थे कि नारायणपुर पुलिस ने मोबाइल को ट्रेस कर लिया. मोबाइल लोकेशन की मदद से आरोपियों को कोडागांव के बामनी गांव से ढूंढ निकाला. आरोपियों के पास से 18 नग बंदूक, दो देसी कट्टा, जो कि बच्चों का खिलौना था, जब्त किया.
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पहले थे नक्सली, बाद में किया आत्मसमर्पण
ये आरोपी पहले नक्सली थे, बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर गोपनीय सैनिक में भर्ती हो गए थे और पुलिस के लिए काम करते थे. पूर्व में नक्सली होने की वजह से इन लोगों को मालूम था कि किस तरह से लोगों को डराया और लूटा जाता है.
लंबे समय से शिकायत
नकली नक्सलियों का कारनामा यही खत्म नहीं हुआ. ये आरोपी अलग-अलग जिलों में भी जाकर लोगों से लूटपाट करते थे. बस्तर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा जिले में ये लोग लूटपाट करते थे, जिसकी शिकायत पुलिस को लंबे समय से आ रही थी.