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नारायणपुर: 4 ग्रामीणों की गिरफ्तारी से नाराज ग्रामीण, युवकों पर IED प्लांट करने का आरोप

12 नवंबर को कडेमेटा गांव के 4 ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार चारों को आईईडी लगाते हुए पकड़ा गया है. परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें घर से जबरन गिरफ्तार किया है. साथ ही गिरफ्तार किए जाने के बाद से ग्रामीण लापता हैं. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है. पुलिसिया कार्रवाई से नाराज सर्व आदिवासी समाज ने ज्ञापन सौंपकर सवाल खड़े किए हैं.

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पुलिस कार्रवाई से नाराज ग्रामीण
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Published : Nov 20, 2020, 1:06 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 11:31 AM IST

नारायणपुर: कडेमेटा गांव के 4 ग्रामीण युवकों को पुलिस ने आईईडी लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. कडेमेटा के सैकड़ों ग्रामीण छोटेडोंगर थाने का घेराव करने पहुंचे थे. हालांकि पुलिस ने उन्हें कैंप के पहले ही रोक दिया. ग्रामीणों ने छोटेडोंगर थाने के नाम ज्ञापन सौंपकर कई सवाल उठाए हैं. पुलिस की ओर से कहा गया है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

सर्व आदिवासी समाज ने खोला मोर्चा

पुलिस के अनुसार युवकों को IED लगाते हुए पकड़ा गया है. साथ ही सभी को जेल भेजा गया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि 12 नवंबर को चारों युवकों को घर से जबरदस्ती हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद से युवक लापता हैं. परिजनों को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीण पुलिस पर आदिवासियों और भोले-भाले लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो गिरफ्तार युवकों में एक नाबालिग और एक दिव्यांग भी शामिल है.

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सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल

पढ़ें: केंद्री मौत मामला: सरकार और पुलिस से नाराज परिजन, ETV भारत से बातचीत में कार्रवाई पर उठाए सवाल

ग्रामीणों में आक्रोश

पुलिस की कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. गिरफ्तार किए गए कडेमेटा के 4 युवकों में बदरू, फुलधर, धनीराम और शंकर शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि आखिर युवकों को किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है और युवकों पर किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. परिजनों को कोई जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है. परिजनों को हो रही परेशानी को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज ने रैली निकाली है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. आदिवासी समाज की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए गए हैं.

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पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन

पढ़ें: SPECIAL: 'आमचो बस्तर, आमचो पुलिस' अभियान, नक्सलगढ़ तिरिया में पहली बार पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम

पुलिस पर मारपीट के आरोप

परिजनों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 5 दिन पहले पुलिस जवान अचानक सुबह 6 बजे घर पहुंचे थे. उन्होंने युवकों को कुछ देर के लिए थाने ले जाने की बात कही थी. विरोध करने पर परिजनों के साथ मारपीट भी की गई. सभी को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद से सभी लापता हैं. पुलिस भी कोई जानकारी नहीं दे रही है. परिजनों के अनुसार घटना वाले दिन से लेकर अब तक कई थानों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन युवकों से मुलाकात तक करने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस उन्हें लगातार भटका रही है.

सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष बिसेल नाग ने कार्रवाई को गलत बताया है. उन्होंने अपने स्तर पर जांच के बाद सरकार को ज्ञापन सौंपने की बात कही है. साथ ही पुलिस पर परिजनों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कार्रवाई को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

पढ़ें: पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को बांटा कंबल

पुलिस ने स्पष्ट किया मामला

डीएसपी लोकेश देवांगन ने बताया कि चारों ग्रामीणों को कडेनार और कडेमेटा के बीच आईईडी लगाते हुए पकड़ा गया है. कार्रवाई के तहत उन्हें जगदलपुर जेल भेज दिया गया है. चारों ग्रामीणों को पकड़ने के विरोध में ग्रामीण इकट्ठा हुए थे. डीएसपी ने बताया कि आगे की कार्रवाई न्यायालय के आदेश के अनुसार की जाएगी. आरोपियों के नाबालिग और दिव्यांग होने के मामले में उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. अगर ऐसा पाया जाता है, तो नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा जाएगा.

नारायणपुर: कडेमेटा गांव के 4 ग्रामीण युवकों को पुलिस ने आईईडी लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. कडेमेटा के सैकड़ों ग्रामीण छोटेडोंगर थाने का घेराव करने पहुंचे थे. हालांकि पुलिस ने उन्हें कैंप के पहले ही रोक दिया. ग्रामीणों ने छोटेडोंगर थाने के नाम ज्ञापन सौंपकर कई सवाल उठाए हैं. पुलिस की ओर से कहा गया है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

सर्व आदिवासी समाज ने खोला मोर्चा

पुलिस के अनुसार युवकों को IED लगाते हुए पकड़ा गया है. साथ ही सभी को जेल भेजा गया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि 12 नवंबर को चारों युवकों को घर से जबरदस्ती हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद से युवक लापता हैं. परिजनों को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीण पुलिस पर आदिवासियों और भोले-भाले लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो गिरफ्तार युवकों में एक नाबालिग और एक दिव्यांग भी शामिल है.

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सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल

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ग्रामीणों में आक्रोश

पुलिस की कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. गिरफ्तार किए गए कडेमेटा के 4 युवकों में बदरू, फुलधर, धनीराम और शंकर शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि आखिर युवकों को किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है और युवकों पर किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. परिजनों को कोई जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है. परिजनों को हो रही परेशानी को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज ने रैली निकाली है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. आदिवासी समाज की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए गए हैं.

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पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन

पढ़ें: SPECIAL: 'आमचो बस्तर, आमचो पुलिस' अभियान, नक्सलगढ़ तिरिया में पहली बार पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम

पुलिस पर मारपीट के आरोप

परिजनों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 5 दिन पहले पुलिस जवान अचानक सुबह 6 बजे घर पहुंचे थे. उन्होंने युवकों को कुछ देर के लिए थाने ले जाने की बात कही थी. विरोध करने पर परिजनों के साथ मारपीट भी की गई. सभी को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद से सभी लापता हैं. पुलिस भी कोई जानकारी नहीं दे रही है. परिजनों के अनुसार घटना वाले दिन से लेकर अब तक कई थानों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन युवकों से मुलाकात तक करने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस उन्हें लगातार भटका रही है.

सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष बिसेल नाग ने कार्रवाई को गलत बताया है. उन्होंने अपने स्तर पर जांच के बाद सरकार को ज्ञापन सौंपने की बात कही है. साथ ही पुलिस पर परिजनों को परेशान करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कार्रवाई को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

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पुलिस ने स्पष्ट किया मामला

डीएसपी लोकेश देवांगन ने बताया कि चारों ग्रामीणों को कडेनार और कडेमेटा के बीच आईईडी लगाते हुए पकड़ा गया है. कार्रवाई के तहत उन्हें जगदलपुर जेल भेज दिया गया है. चारों ग्रामीणों को पकड़ने के विरोध में ग्रामीण इकट्ठा हुए थे. डीएसपी ने बताया कि आगे की कार्रवाई न्यायालय के आदेश के अनुसार की जाएगी. आरोपियों के नाबालिग और दिव्यांग होने के मामले में उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है. अगर ऐसा पाया जाता है, तो नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा जाएगा.

Last Updated : Nov 20, 2020, 11:31 AM IST
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