नारायणपुर: कांकेर जिले के 5 ग्राम पंचायत तालाबेड़ा, कोलर, भैय्हासालेभाट, कुलपहाड़ और भैंसगांव के ग्रामीण कई वर्षों से अपने पंचायत को नारायणपुर जिले में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इन पांच पंचायतों में सर्व सहमति से नारायणपुर जिले में शामिल करने का निर्णय लिया है. ग्राम रूडी में ग्रामसभा और अन्य गांवों में आयोजन कर शामिल होने के लिए कई बार बैठक किए जा चुके हैं. ग्रामीण 2007 से जिला परिवर्तन के मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली.
दरअसल, नारायणपुर जिले से लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में कांकेर जिला में शामिल पांच ग्राम पंचायत आते हैं, जिनको अपने व्यक्तिगत कामों के लिए कांकेर जिला मुख्यालय पहुंचने में 2 से 3 बस बदलना पड़ता है. समय के साथ कांकेर पहुंचने में अधिक पैसों की खर्च होती है, इसके साथ ही 150 किलोमीटर यात्रा कर ग्रामीण कांकेर मुख्यालय पहुंचते हैं. ऐसे में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
कांकेर के लोगों का कहना है कि नारायणपुर जिले में सम्मिलित होने के लिए कई बार राज्यपाल , मुख्यमंत्री , जनदर्शन कार्यक्रम, जिला प्रशासन कलेक्टर समेत धरना प्रदर्शन तक कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक गुहार नहीं सुनी, जिसके कारण उन्होंने अब आंदोलन की चेतावनी दी है.
ग्रामीण पूजा पाठ के लिए नारायणपुर जाते हैं
ग्रामीण पटेल लक्षण ने बताया कि हमारे पंचायत के सभी देवी-देवता संबंधित कार्य नारायणपुर जिले से संचालित होते हैं, जिसमें रावघाट परगना के देवी देवताओं से लेकर अन्य देवी अनुष्ठान नारायणपुर में ही है. ऐसे में पांच पंचायत के लोगों को नारायणपुर में शामिल किया जाए, ताकि उनको किसी तरह की परेशानी न हो. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी बातों पर अमल नहीं किया गया, तो वह 15 अगस्त के बाद उग्र आंदोलन करेंगे.