नारायणपुर: 27 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन 2021 की तैयारी पूरी हो चुकी है. स्थानीय कलाकार लोक परंपरा और संस्कृति के रंगों से शहर को संवारने में लगे हुए हैं. जो निश्चित ही यहां आने वालों का मन मोह लेगी.
लोक परंपरा और संस्कृति के रंगों की झलक
अबूझमाड़ मैराथन 2021 के लिए नारायणपुर से बासिंग तक जगह-जगह दीवारों, पेड़ों, बिजली पोल, पहाड़ियों पर अबूझमाड़ की संस्कृति को उकेरा जा रहा है. शहर को सजाने-संवारने और साफ बनाने में वॉलिंटियर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अबूझमाड़ मैराथन 2021 को 2020 से और भी अलग और बेहतर करने के लिए इस बार यहां की संस्कृति, कल्चर, रहन-सहन, वेशभूषा, सभ्यता, पारंपरिक रीति-रिवाज, शादी-ब्याह को चित्रकला को जरिया बनाया गया है.
अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन 2021
इस आयोजन को लेकर 15 दिन पहले से ही तैयारियां की जा रही है. मैराथन दौड़ में राज्य और देश-विदेश से लभभग 11 हजार धावक शामिल होने जा रहे हैं. अबूझ के नाम से पहचाने वाले इस जिले में मैराथन दौड़ में देश-विदेश के धावक आयेंगे. उनके स्वागत के लिए नगर को सुंदर, आकर्षक और पारंपरिक ढंग से सजाया गया है. ताकि धावक जब यहां से लौटे तो नारायणपुर की सुनहरी यादें, अबूझमाड़ की संस्कृति और शांति को लेकर यहां से जाए.
27 फरवरी को होगा अबूझमाड़ पीस मैराथन
स्थानीय युवाओं ने दिया खूबसूरत रूप
'अबूझमाड़ चो मया' यानी अबूझमाड़ का प्यार. इसी संदेश के साथ यहां दीवारों व खाली जगहों पर यहां की परंपरा और संस्कृति को बिखेरा गया है.स्थानीय युवाओं की बनाई पेंटिंग, चित्रकला, देवी-देवताओं, धार्मिक परंपराएं लोक संस्कृति की सजीवता लिए हुए है. करुणा फाउंडेशन के अध्यक्ष बिन्देश पात्र ने बताया कि चित्रकला से सजाने में करुणा फाउंडेशन के लगभग 45 वॉलिंटियर को तैयार किया गया है. उन्होंने ही यहां की संस्कृति से शहर को खूबसूरत बनाया है.
अबूझमाड़ मैराथन को यादगार बनाने की तैयारी
अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन 2021 का आयोजन इस बार भव्य और खूबसूरत होगा. धावकों के ठहरने वाली जगहों पर बिजली, पानी, साफ-सफाई, शौचालय और भोजन की बेहतर व्यवस्था की तैयारियां जोरों पर की जा रही है. यहां की संस्कृति से शहर को सजाने के पीछे की मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए लोगों के मन में अबूझमाड़ के लिए शांति का भाव जागृत हो. वे यहां की परंपरा, संस्कृति, वेशभूषा और सभ्यता से रूबरू हो सकें.