नारायणपुर: जिले के भरण्डा पंचायत के आश्रित गांव चिलपरस में मूलभुत सुविधाएं नहीं है. 2 साल पहले गांववालों ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद गांववालों ने एक बार फिर अपनी मूलभुत सुविधाओं को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई है.
पूरा मामला नारायणपुर से महज 11 किलोमीटर दूर बसे गांव चिलपरस का है, जहां की आबादी लगभग 700 से 1000 तक की हैं. यहां रहने वाले लोगों के पास न तो पीने योग्य पानी है और न ही गांव में सड़क है. यहां के लोग आज भी पगडंडी के सहारे नारायणपुर मुख्यालय आते-जाते हैं.
2 साल पहले गांववालों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और अपनी समस्या को बताया था, लेकिन शासन ने उनकी समस्या को नजरअंदाज कर दिया. नारायणपुर मुख्यालय से लगे होने के कारण शासन-प्रशासन से कोई भी नेता या अधिकारी गांव में निरीक्षण करने भी नहीं आते है. इसी कारण गांव में कोई भी विकास का कार्य नहीं हुआ है, जिसके कारण लोग यहां बेरोजगारी, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा से कोसों दूर है.
बता दें कि ग्रामीणों ने अपनी इन्हीं समस्याओं को लेकर एक बार फिर कलेक्टर से गुहार लगाई है. इस संबंध में कलेक्टर ने बताया कि गांव में पानी की समस्या का कारण यह है कि वहां का जलस्तर कम हो गया है, जिसके कारण वहां के हैंडपंप सूख गए है. साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की समस्या को जल्द ही दूर करने का प्रयास किया जाएगा.