नारायणपुर: धुर नक्सल इलाके नारायणपुर के छोटेडोंगर में बुधवार को ऐसा हुआ जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसान से ज्यादा वफादार कुत्ता होता है. छोटेडोंगर के तुरुसमेटा इलाके में एक ग्रामीण घसिया राम, बुधवार को सुबह मवेशी ढूंढने के लिए जंगल गया था. तभी एक मादा भालू ने उस पर हमला कर दिया. इस दौरान ग्रामीण के साथ उसके दो भाई भी थे. वह दोनों मौके से भाग खड़े हुए. लेकिन इस बीच शोर सुनकर घसिया राम का कुत्ता मौके पर पहुंच गया और वह मादा भालू से भिड़ गया. यह वफादार कुत्ता तब तक भालू से लड़ता रहा. जब तक मादा भालू मौके से भाग नहीं गई. तब तक यह पालतू कुत्ता उससे लड़ता रहा. आखिरकार मादा भालू को कुत्ते के सामने हार माननी पड़ी और मौके से भागना पड़ा. तब जाकर ग्रामीण घसिया राम की जान बच सकी.
कैसे भालू के हमले से घिरा घसिया राम : छोटे डोंगर तहसील से 08 किलोमीटर की दूरी में मौजूद घने जंगलों के बीच तुरुसमेटा गांव की यह घटना है. यहां घासिया राम अपने दो भाइयों के साथ जंगल में मवेशियों को ढूंढने गया हुआ था. उसी दौरान अपने 03 बच्चों के साथ जंगल में घूम रही मादा भालू ने उस पर हमला कर दिया. तभी साथ गए पालतू कुत्ते ने मालिक पर हमला कर रहे मादा भालू पर धावा बोल दिया, जिससे घबरा कर भालू अपने बच्चों के साथ घने जंगलों की तरफ भाग खड़ी हुई.
कुत्ते के बहादुरी की दी जा रही मिसाल : इस दुर्घटना में ग्रामीण घासिया राम के चेहरे पेट और घुटनों पर गंभीर चोटें आई है. भालू के भागने के बाद मौके पर घसिया राम के भाी पहुंचे. फिर उसे सड़क तक लाया गया. उसके बाद एंबुलेंस की मदद से उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. घसिया राम की हालत नाजुक है. उसे नारायणपुर जिला अस्पताल में रेफर किया गया है. जहां घसिया राम का इलाज जारी है. कुत्ते की बहादुरी के चर्चे पूरे जिले में हो रहे हैं.