नारायणपुर: कोरोनाकाल में मेडिकल स्टाफ दिन-रात अस्पतालों में मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. अपनी जान की परवाह किए बगैर ये फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. जिला अस्पताल के डॉक्टर केशव साहू ने खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी अपना काम नहीं छोड़ा. होम आइसोलेशन के दौरान उन्हें कोरोना संक्रमित महिला का प्रसव कराने के लिए अस्पताल में ड्यूटी देनी पड़ी. डॉक्टर ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई.
नारायणपुर के कोविड सेंटर में एक सप्ताह पहले एक गर्भवती महिला पहुंची थी. जिला अस्पताल के डॉक्टर केशव साहू 2 दिन पहले ही कोरोना संक्रमित पाए गए थे और होम आइसोलेशन में थे. महिला को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. महिला का बीपी भी हाई होने लगा था. उसकी हालत बिगड़ने लगी. केस के बारे में पता चलने पर डॉक्टर महिला की डिलीवरी कराने अस्पताल पहुंचे और सुरक्षित प्रसव कराया. शुक्रवार की दोपहर 3 बजे महिला ने एक बेटी को जन्म दिया.
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महिला और बच्ची दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं. महिला की डिलीवरी कराने के बाद डॉक्टर होम आइसोलेट हो गए. नवजात को नर्स की देखभाल में रखा गया है. कोरोना काल में डॉक्टर लगातार लोगों का मनोबल बढ़ाकर उन्हें स्वस्थ करने की कोशिश में लगे हैं. कई अस्पतालों में डॉक्टर 12 से 24 घंटों की ड्यूटी कर रहे हैं.
बस्तर में नए स्ट्रेन का खतरा
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है. बताया जा रहा है कि ये नया स्ट्रेन पुराने वायरस से 15 गुना ज्यादा खतरनाक है. पड़ोसी राज्य में नये स्ट्रेन को देखते हुए छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर कर दिया गया है. हर जगह पर चेक पोस्ट लगा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से छत्तीसगढ़ आने वाले लोगों की जांच की जा रही है. खुद सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर मौके पर पहुंच जांच में जुटे हैं.आंध्रा सीमा से लगे जिलों में खासतौर पर निगरानी रखी जा रही है. सुकमा जिले में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आने वाले लोगों को 72 घंटे के भीतर आई RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य कर दिया गया है.