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शिक्षकों के लिए कोरोना सुरक्षा बीम मांग, SDM को CM के नाम ज्ञापन - Corona Protection Insurance

छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा कर क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा कवर की मांग की है.

Teacher Association submitted memorandum
टीचर एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
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Published : May 16, 2020, 7:52 PM IST

नारायणपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण से जुड़ी व्यवस्था के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा करने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि अलग-अलग जिलों में लगातार ड्यूटी कर रहे शिक्षक बीमा की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है.

कोरोना सुरक्षा बीम मांग

छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के कई क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. ड्यूटी लगाए जाने के बाद से ही लगातार कोरोना सुरक्षा बीमा की मांग हो रही है.

जिला अध्यक्ष ने बताई स्थिती

टीचर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 'हर ब्लॉक मुख्यालयों के स्कूलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां दूसरे प्रदेशों के रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन से जिले में आने वाले कामगारों को रूकवाया जा रहा है. इन सेंटरों में शिक्षकों की तीन पारियों में दिन-रात ड्यूटी लगाई जा रही है, लेकिन इन शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी जोखिम का काम है. जिसे ध्यान में रखकर कोविड-19 में जोखिम क्षेत्र में काम करने वालों को अनिवार्य रूप से मृत्यु बीमा के लाभ के दायरे में रखना चाहिए.

शिक्षकों को नहीं है जानकारी

इन सेंटरों में अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था प्रशासन ने की है. शिक्षकों को ऐसे हालत से निपटने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है. बिना ट्रेनिंग के शिक्षकों से सेवाएं ली जा रही हैं, इसके साथ ही ऐसे कार्यों में जुटे अन्य विभागों के कर्मचारियों को बीमा लाभ के दायरे में रखा गया है, जबकि शिक्षक इस दायरे में शामिल नहीं किया गया है. इसके कारण शिक्षक डर में जी रहे हैं.

Memorandum to Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम SDM को ज्ञापन

नरायणपुर पहुंच रहे मजदूर और छात्र-छात्राएं
बता दें कि, जिले में मजदूरों और छात्र-छात्राओं के साथ दूसरे लोगों का अन्य राज्यों से घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. नारायणपुर जिले में 1 मई के बाद छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तप्रदेश, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना से लगभग 70 कामगार, श्रमिकों, छात्र-छात्राओं सहित अन्य लोग वापस आए हैं.जिन्हें विभिन्न सेन्टरों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. जिले में कुल 14 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैंं, जिसकी कुल क्षमता 2350 लोगों के क्वॉरेंटाइन में रखने की है. इन सेन्टरों में सहायता और सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. नारायणपुर जिले के 1532 व्यक्तियों की जानकारी है., जो देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं.

नारायणपुर: कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण से जुड़ी व्यवस्था के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा करने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि अलग-अलग जिलों में लगातार ड्यूटी कर रहे शिक्षक बीमा की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है.

कोरोना सुरक्षा बीम मांग

छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के कई क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. ड्यूटी लगाए जाने के बाद से ही लगातार कोरोना सुरक्षा बीमा की मांग हो रही है.

जिला अध्यक्ष ने बताई स्थिती

टीचर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया कि 'हर ब्लॉक मुख्यालयों के स्कूलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां दूसरे प्रदेशों के रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन से जिले में आने वाले कामगारों को रूकवाया जा रहा है. इन सेंटरों में शिक्षकों की तीन पारियों में दिन-रात ड्यूटी लगाई जा रही है, लेकिन इन शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी जोखिम का काम है. जिसे ध्यान में रखकर कोविड-19 में जोखिम क्षेत्र में काम करने वालों को अनिवार्य रूप से मृत्यु बीमा के लाभ के दायरे में रखना चाहिए.

शिक्षकों को नहीं है जानकारी

इन सेंटरों में अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था प्रशासन ने की है. शिक्षकों को ऐसे हालत से निपटने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है. बिना ट्रेनिंग के शिक्षकों से सेवाएं ली जा रही हैं, इसके साथ ही ऐसे कार्यों में जुटे अन्य विभागों के कर्मचारियों को बीमा लाभ के दायरे में रखा गया है, जबकि शिक्षक इस दायरे में शामिल नहीं किया गया है. इसके कारण शिक्षक डर में जी रहे हैं.

Memorandum to Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम SDM को ज्ञापन

नरायणपुर पहुंच रहे मजदूर और छात्र-छात्राएं
बता दें कि, जिले में मजदूरों और छात्र-छात्राओं के साथ दूसरे लोगों का अन्य राज्यों से घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. नारायणपुर जिले में 1 मई के बाद छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तप्रदेश, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना से लगभग 70 कामगार, श्रमिकों, छात्र-छात्राओं सहित अन्य लोग वापस आए हैं.जिन्हें विभिन्न सेन्टरों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. जिले में कुल 14 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैंं, जिसकी कुल क्षमता 2350 लोगों के क्वॉरेंटाइन में रखने की है. इन सेन्टरों में सहायता और सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. नारायणपुर जिले के 1532 व्यक्तियों की जानकारी है., जो देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं.

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