मुंगेली : प्रधानमंत्री आवास योजना की लड़ाई अब सदन से लेकर सड़क तक दिखने लगी है. छत्तीसगढ़ में पीएस आवास योजना (PM Awas Yojana in Chhattisgarh) की राशि की वापसी को लेकर जहां प्रदेश में सांसदों ने आवाज उठाई है, वहीं इस मामले की गूंज छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी सुनाई दी है. जबकि दूसरी तरफ आज मुंगेली जिले के लोरमी नगर में सभी 15 वार्डों के सैकड़ों लोगों ने पीएम आवास की मांग को लेकर लोरमी नगर पंचायत कार्यालय का घेराव किया.
लोगों का कहना था कि पटवारियों से अधिकार पत्र मिलने के बाद सभी दस्तावेज लोरमी नगर पंचायत में जमा कर दिया. बावजूद इसके इंजीनियर और सीएमओ की लापरवाही से उन्हें सरकार की महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित वार्ड क्रमांक 13,14 और 15 के लोग हैं. पूरे मामले पर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी के नेतृत्व में नगर के हितग्राही आंदोलन कर रहे हैं.
जेसीसीजे में फूट
लोरमी नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर जेसीसीजे का कब्जा है. यहां अंकिता रवि शुक्ला अध्यक्ष हैं और पीएम आवास योजना को लेकर नगरवासियों की ओर से आंदोलन भी जेसीसीजे के नेता और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी कर रहे हैं. जेसीसीजे के इन दो नेताओं के बीच राजनैतिक प्रतिस्पर्धा भी चल रही है. कुछ माह पूर्व ही पूर्व अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी की पत्नी तथा वार्ड 13 की पार्षद सीमा त्रिपाठी ने नगर पंचायत के सभापति पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में एक बार फिर जेसीसीजे के नेताओं के इस विरोध और नगर पंचायत के खिलाफ हल्ला बोल ये स्पष्ट कर रहा है कि जेसीसीजे के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
कांग्रेस के घोषणा पत्र के खिलाफ बीजेपी ने जारी किया आरोप पत्र, अमर बोले-80 % काम भाजपा शासन काल का
सीएमओ की ये दलील
इस पूरे मामले पर नगर पंचायत की सीएमओ सवीना अनंत ने कहा कि करीब 536 आवेदन ऐसे लोगों के हैं, जिनकी बड़े झाड़ के जंगल की जमीन है. इनमें पीएम आवास निर्माण नहीं हो सकता है. सीएमओ सवीना अनंत के मुताबिक पूरे मामले की जांच के बाद प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय में भेज दिया गया है. वहां से जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा. गौरलतब है कि लोरमी इलाके में एक हजार से ज्यादा ऐसे हितग्राही हैं, जिनके आवास अभी तक स्वीकृत नहीं हो पाये हैं. जानकार इसके पीछे लोरमी नगर पंचायत में पार्षदों के बीच चल रही सियासत को बड़ी वजह बता रहे हैं.