मुंगेली: लोरमी राजपरिवार के राजा महंत कृष्णकुमार दास का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. राजपरिवार के सदस्यों के मुताबिक वो बीते कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन की खबर से पूरे लोरमी इलाके में शोक की लहर है.
लोरमी की जनता के प्यारे उनके राजा केकम की निधन की खबर जैसे ही लोगों को पता चली पूरा इलाका गमगीन हो गया. 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसें अपने घर में ली. लोरमी राजा केकम दास के दो बेटे और 3 बेटियां हैं. पुत्र युवराज पवन दास और समीर दास हैं. इसके अलावा भाई अजय दास, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल दास, अश्वनी दास समेत भरा पूरा परिवार वो अपने पीछे छोड़ गए हैं.
लोरमी के राजा कृष्णकुमार दास का अंतिम संस्कार रविवार को राजपरिवार के मुक्तिधाम में किया जाएगा.
राजनांदगांव रियासत में था उनका ननिहाल
बता दें कि लोरमी राजपरिवार के राजा महंत जगन्नाथ दास (लाल साहब) के यहां 13 जनवरी 1938 को जन्मे कृष्णकुमार दास बड़े बेटे थे. राजा महंत जगन्नाथदास के मृत्यु के बाद राजपरिवार के मुखिया के नाते कृष्णकुमार दास ने गद्दी संभाली. 6 भाइयों और 4 बहनों में सबसे बड़े कृष्णकुमार दास बेहद ही मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे. राजनांदगांव रियासत में उनका ननिहाल था.
15 वर्षों तक रहे सरपंच
लोरमी रियासत की जनता, उन्हें बचपन से केकम के नाम से संबोधित करती थी. केकम भैया शिकार के भी शौकीन थे. 50 और 60 के दशक में जब वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध नहीं था, केकम भैया अपने साथियों के साथ अचानकमार के जंगल में अक्सर शिकार भी करते थे. इसके अलावा केकम भैया वर्तमान लोरमी शहर जो कि पूर्व में ग्राम पंचायत हुआ करता था. वहां कम-से-कम 15 वर्षों तक सरपंच भी रहे. इस दौरान लोरमी में अनेक विकास कार्य भी उन्होंने अपने कार्यकाल में कराया.