मुंगेली: छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली 23 ट्रेनों को आगामी 1 महीने के लिए बंद करने का फैसला साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे बोर्ड ने लिया है. जिसके बाद से प्रदेश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच लगातार आरोप जारी है. महीने भर के भीतर 23 ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया है. एसईसीआर के फैसले के खिलाफ अब तमाम कांग्रेसी लामबंद होने लगे हैं. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश के बीजेपी सांसदों को घेरा है.
ट्रेन बंद करने पर सियासी टकराव कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप: मुंगेली कांग्रेस जिलाध्यक्ष सागर सिंह का आरोप है कि, जिस तरह से एक के बाद एक प्रदेश में प्रमुख ट्रेनों के स्टॉपेज को बंद किया जा रहा है. उससे आम जनों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश की 90 फीसदी आबादी ट्रेनों को आवागमन के लिए इस्तेमाल करती है. वहीं शादी ब्याह के सीज़न में अचानक ही ट्रेनों का परिचालन बंद होने से आमजनों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है.
सदन में उठ चुका है मामला: दूसरी ओर इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद अपनी अलग ही दलील देते हुए नजर आ रहे हैं. बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद अरुण साव का इस मामले पर कहना है कि कोविड काल के बाद से ही देश भर में ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. वहीं जहां तक बात है छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर तो वह लोकसभा के अंदर इस विषय को प्रमुखता से उठा चुके हैं
छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का मामला, सीएम बघेल ने रेलवे के खिलाफ जताई आपत्ति
सीएम भूपेश बघेल ने भी जताई आपत्ति: गौरतलब है कि इससे पहले 10 ट्रेनों के बंद होने के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की बीजेपी सरकार को ट्वीट कर निशाना सधा था. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर ट्रेनों को शुरू करने की मांग की गई है.