मुंगेली : लोरमी थाना क्षेत्र की पुलिस ने गरीब सैलून संचालक के नाम से लाखों का लोन निकालकर धोखाधड़ी करने वाले कांग्रेसी नेता को 10 साल बाद गिरफ्तार किया है. कांग्रेसी नेता अपनी ऊंची राजनीतिक रसूख के दम पर 10 वर्षों तक कार्रवाई से बचता रहा. जिसे अब पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचाया है. पुलिस ने कई बार आरोपी को पकड़ने की कोशिश की थी लेकिन हर बार वो किसी बड़े नेता या अधिकारी की सिफारिश से बच जाता था.लेकिन अब जब पानी सिर से ऊपर हो गया तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
कैसे की थी धोखाधड़ी : लोरमी थाना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011-12 में प्रार्थी बोडतरा निवासी सेलून संचालक भानू सेन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कांग्रेसी नेता पप्पू लूनिया और गणेश ठाकुर ने पहले लोन दिलाने के नाम पर उससे सारे जरूरी दस्तावेज दस्तखत करा लिए. उसके बाद पंजाब नेशनल बैंक शाखा खपरीकला के तत्कालीन बैंक मैनेजर बलराम पैकरा और जनरल स्टोर संचालक सुरेश मौर्य से कोटेशन ले लिया. पप्पू ने कोटेशन को आधार बनाकर भानू सेन के नाम से लोन अप्लाई किया.वहीं जब लोन सेंशन हुआ तो पैसे भानू को देने के बजाए खुद रख (Lormi loan case Accused) लिए.
कैसा खुला धोखाधड़ी का राज : इस मामले में भानू को शायद कभी पता नहीं चलता लेकिन कुछ महीनों बाद भानू के पास एक ऐसा कागज आया.जिससे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. भानू ने जो कागज पढ़ा उसमे लिखा था कि उसे तीन लाख रुपए का लोन चुकाना होगा. लेकिन भानू ने ऐसा कोई लोन लिया ही नहीं था. लिहाजा उसने इसकी शिकायत पुलिस से की.
कौन-कौन बना आरोपी : इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया. जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक के खपरीकला शाखा (Khaprikala Branch of Punjab National Bank) के तत्कालीन बैंक मैनेजर बलराम पैकरा और सुरेश मौर्य की गिरफ्तारी की गई. वहीं एक आरोपी गणेश ठाकुर की मौत हो गई है. इस मामले का चौथा आरोपी पप्पू लूनिया अपनी रसूख के दम पर बगैर अग्रिम जमानत के खुलेआम 10 साल से घूम रहा था.जिसने पुलिस ने दबोचा है.
कैसे बचता रहा आरोपी : रसूखदार कांग्रेस नेता और धोखाधड़ी के मामले में आरोपी पप्पू लुनिया को 10 वर्षों से पुलिस फरार बताती (Police in Mungeli are kind to the Congress leader ) रही. जबकि पप्पू लुनिया लोरमी में ही अपना कारोबार 10 साल से चला रहा था. 10 वर्षों से लोरमी थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. लेकिन मौजूदा टीआई एनबी सिंह ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.