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आदिवासी पलायन मामले की हो न्यायिक जांच: तोखन साहू - आदिवासियों का पलायन

कवर्धा से पलायन कर लोरमी पहुंचे आदिवासियों का मामला तूल पकड़ने लगा है. लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू ने इस मामले में भूपेश सरकार से न्यायिक जांच की मांग की है.

demand of judicial inquiry on tribal migration
पूर्व विधायक तोखन साहू
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Published : Jan 12, 2021, 7:58 PM IST

मुंगेली: कवर्धा जिले से पलायन कर मुंगेली जिले के लोरमी पहुंचे आदिवासियों के मामले पर सियासत तेज हो गई है. लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू ने आदिवासियों से जुड़े इस गंभीर मामले पर न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

तोखन साहू ने की न्यायिक जांच की मांग

तोखन साहू ने कहा कि कांग्रेस की सरकार खुद को गरीब और आदिवासियों की सरकार कहती है. लेकिन वनमंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिले से इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी पलायन कर आखिर लोरमी क्यों पहुंचे.

पढ़ें: मुंगेली: बीजेपी की सत्ता वापसी की उम्मीद पर कांग्रेस ने ली चुटकी

तोखन साहू के आरोप

उन्होंने कहा कि आदिवासियों को आखिर किन मजबूरियों में अपना गांव और घर छोड़ना पड़ा. जब वो लोरमी के जंगल मे आकर बस गए फिर बगैर उनकी बात सुने उन्हें क्यों खदेड़ दिया गया. तोखन साहू ने कहा कि कुछ आदिवासियों के साथ मारपीट की भी बात सामने आ रही है. जो कि बेहद गंभीर मामला है. इस पूरे मामले में सरकार को तत्काल न्यायिक जांच करानी चाहिए.

क्या है पूरा मामला ?

कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक से 8 दिन पहले करीब 300 से ज्यादा आदिवासी पलायन कर लोरमी के सरगढ़ी वनग्राम में बस गए थे. पलायन कर पहुंचे इन आदिवसियों का कहना था कि जिस जगह पर वो अभी रह रहे हैं, वहां जीवन चला पाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है. उनके सामने वहां रोजी-रोटी की समस्या आ रही है. आरोप है कि सरगढ़ी में बसने के 5 दिन बाद रविवार को सभी पलायन कर पहुंचे आदिवासियों को वन विभाग और पुलिस की टीम ने गांव से खदेड़ दिया था.

मुंगेली: कवर्धा जिले से पलायन कर मुंगेली जिले के लोरमी पहुंचे आदिवासियों के मामले पर सियासत तेज हो गई है. लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू ने आदिवासियों से जुड़े इस गंभीर मामले पर न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

तोखन साहू ने की न्यायिक जांच की मांग

तोखन साहू ने कहा कि कांग्रेस की सरकार खुद को गरीब और आदिवासियों की सरकार कहती है. लेकिन वनमंत्री मोहम्मद अकबर के गृह जिले से इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी पलायन कर आखिर लोरमी क्यों पहुंचे.

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तोखन साहू के आरोप

उन्होंने कहा कि आदिवासियों को आखिर किन मजबूरियों में अपना गांव और घर छोड़ना पड़ा. जब वो लोरमी के जंगल मे आकर बस गए फिर बगैर उनकी बात सुने उन्हें क्यों खदेड़ दिया गया. तोखन साहू ने कहा कि कुछ आदिवासियों के साथ मारपीट की भी बात सामने आ रही है. जो कि बेहद गंभीर मामला है. इस पूरे मामले में सरकार को तत्काल न्यायिक जांच करानी चाहिए.

क्या है पूरा मामला ?

कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक से 8 दिन पहले करीब 300 से ज्यादा आदिवासी पलायन कर लोरमी के सरगढ़ी वनग्राम में बस गए थे. पलायन कर पहुंचे इन आदिवसियों का कहना था कि जिस जगह पर वो अभी रह रहे हैं, वहां जीवन चला पाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है. उनके सामने वहां रोजी-रोटी की समस्या आ रही है. आरोप है कि सरगढ़ी में बसने के 5 दिन बाद रविवार को सभी पलायन कर पहुंचे आदिवासियों को वन विभाग और पुलिस की टीम ने गांव से खदेड़ दिया था.

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