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लोरमी: रावण दहन में कोरोना से बचाव का दिया गया संदेश

लोरमी में आज भी दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार ये आयोजन सीमित तौर पर आयोजित किया गया है.

Dussehra festival being celebrated in Lormi today
लोरमी में मनाया जा रहा दशहरा
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Published : Oct 26, 2020, 6:15 PM IST

मुंगेली: लोरमी में आज भी दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन कोविड19 का असर इस बार रावण पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते इस साल दशहरा पर्व का रंग फीका नजर आ रहा है. प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक इस बार का दशहरा पर्व सादगी से मनाया जा रहा है.

लोरमी का दशहरा उत्सव इस बार महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. हाईस्कूल मैदान में बीते 200 साल से दशहरा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. दशहरा उत्सव की ये परंपरा लोरमी में राजा-महराजाओं के जमानें से चली आ रही है. जिसमें हाईस्कूल ग्राउंड में हर साल 40 से 50 फीट का रावण बनाकर शहर के राजाबाड़ा चौक से झांकी निकाली जाती थी. जिसके बाद राजपरिवार के सदस्य की तरफ से रावण का वध करने की परंपरा रही है.

लोरमी में रावण दहन में कोरोना से बचाव का दिया गया संदेश

दुर्गा पूजा में बाजार रहा मंदा, पिछले साल की तुलना में सिर्फ 40 प्रतिशत हुआ व्यापार

मेला लगाने की नहीं दी गई अनुमति

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना जरुरी है. लिहाजा इस बार बेहद ही छोटे रुप में दशहरा उत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. यहां किसी तरह का मेला या आयोजन स्थल पर दुकान लगानें के परमिशन नहीं दी गई है. बता दें कि लोरमी में दशहरा पर्व पर भव्य आयोजन किया जाता है. जिसे देखनें के लिए आसपास के लगभग 120 से ज्यादा गांवों के लोग दशहरा उत्सव शामिल होते हैं.

रावण के पुतले के जरिए दिया गया संदेश

दशहरा उत्सव आयोजन समिति ने इस साल रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बनाया है. जो कि महज 20 फीट का है. वहीं रावण के पुतले के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए संदेश भी दिया गया है. जिसमें रावण के पुतले को मास्क पहनाकर मास्क की उपयोगिता को बताया गया है. इसके अलावा पुतले पर सोशल डिस्टेंसिग का पालन और दो गज की दूरी जैसे बचाव के संदेश भी पोस्टर चिपकाकर दिए गए है..

मुंगेली: लोरमी में आज भी दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन कोविड19 का असर इस बार रावण पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते इस साल दशहरा पर्व का रंग फीका नजर आ रहा है. प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक इस बार का दशहरा पर्व सादगी से मनाया जा रहा है.

लोरमी का दशहरा उत्सव इस बार महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है. हाईस्कूल मैदान में बीते 200 साल से दशहरा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. दशहरा उत्सव की ये परंपरा लोरमी में राजा-महराजाओं के जमानें से चली आ रही है. जिसमें हाईस्कूल ग्राउंड में हर साल 40 से 50 फीट का रावण बनाकर शहर के राजाबाड़ा चौक से झांकी निकाली जाती थी. जिसके बाद राजपरिवार के सदस्य की तरफ से रावण का वध करने की परंपरा रही है.

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मेला लगाने की नहीं दी गई अनुमति

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना जरुरी है. लिहाजा इस बार बेहद ही छोटे रुप में दशहरा उत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. यहां किसी तरह का मेला या आयोजन स्थल पर दुकान लगानें के परमिशन नहीं दी गई है. बता दें कि लोरमी में दशहरा पर्व पर भव्य आयोजन किया जाता है. जिसे देखनें के लिए आसपास के लगभग 120 से ज्यादा गांवों के लोग दशहरा उत्सव शामिल होते हैं.

रावण के पुतले के जरिए दिया गया संदेश

दशहरा उत्सव आयोजन समिति ने इस साल रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बनाया है. जो कि महज 20 फीट का है. वहीं रावण के पुतले के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए संदेश भी दिया गया है. जिसमें रावण के पुतले को मास्क पहनाकर मास्क की उपयोगिता को बताया गया है. इसके अलावा पुतले पर सोशल डिस्टेंसिग का पालन और दो गज की दूरी जैसे बचाव के संदेश भी पोस्टर चिपकाकर दिए गए है..

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