मुंगेली: जिले का सबसे बड़ा राजीव गांधी (खुड़िया) जलाशय के गेट के पास नहर का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. साल भर पहले ही करोड़ों रुपये रुपये की लागत से बने डैम का एक हिस्सा गिरने से कई सवाल उठने लगे हैं. फिलहाल सुरक्षा कारणों से डैम का गेट बंद कर दिया गया है, लेकिन जानकार बताते हैं कि डैम निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है.
डैम के मुख्य गेट के नहर के पास दीवार और फ्लोर का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है. गेट के मुंहाने के पास हुए इस डैमेज से डैम के गेट को आनन-फानन में बंद कर दिया गया है. मुख्य नहर के गेट के पास नहर क्षतिग्रस्त होने से डैम पर खतरा मंडराने लगा है. वहीं इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश से डैम में काफी जलभराव हो गया है. डैम के एक्स्ट्रा पानी को इसी गेट से नहरों के जरिये बाहर निकालने का काम किया जाता है, लेकिन गेट का मुंहाना क्षतिग्रस्त होने से अब पानी निकासी नहीं किया जा सकेगा. जिससे इलाके में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है.
3 करोड़ में बना था क्षतिग्रस्त हिस्सा
डैम का जो हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ उसे सालभर पहले ही करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. एक साल के भीतर डैम के क्षतिग्रस्त होने से कई सवाल भी उठने लगे हैं. अधिकारियों और ठेकेदारों पर निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार का आरोप भी लग रहा है.
करोड़ों का घोटाला
लोरमी इलाके में स्थित राजीव गांधी जलाशय का निर्माण 2012 में सिंचाई विभाग ने 160 करोड़ रुपये की लागत से शुरू कराया था. जिसमें D-1,D-2 और D-3 एरिया में नहर लाइनिंग का काम भी कराया गया था. इसमें अभी भी कुछ काम बाकी है. करोड़ों की लागत से बनी इस नहर लाइनिंग के काम में जमकर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे मामले की जांच सही से होने पर नीचे से लेकर ऊपर तक कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं.
कलेक्टर के नहीं है मामले की जानकारी
इधर, डैम बंद होने और नहर क्षतिग्रस्त होनी की खबर जिले के कलेक्टर को भी नहीं है. कलेक्टर से जब ETV भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें फिलहाल मामले की जानकारी नहीं है. वे संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात कर रहे हैं. इसके बाद ही वे मामले में कुछ बोल पाएंगे.