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मुंगेली: पलायन करते 300 से ज्यादा आदिवासियों को पुलिस ने रोका

बोड़ला ब्लॉक के के करीब 300 आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी गांव में बसने पहुंचे थे. मौके पर पहुंची फॉरेस्ट की टीम ने आदिवासियों को जंगल से खदेड़ा. बताया जा रहा है कि ग्रामीण बड़ी संख्या में रायपुर के लिए निकल गए हैं.

Migrating villagers
पलायन करते आदिवासी
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Published : Jan 12, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 3:39 PM IST

मुंगेली: बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ गांवों के करीब 300 आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी गांव में बसने पहुंचे थे. सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी पहुंचकर आदिवासियों को रोका. इस दौरान पुलिस की ग्रामीणों से मारपीट हुई है. मारपीट में 2 लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं 11 ग्रामीण लापता हो गए हैं. 3 ट्रैक्टर, राशन सामग्री, गर्म कपड़े और सैकड़ों आधार कार्ड गायब हैं. पलायन कर सरगढ़ी जंगल में बसने गए सभी ग्रामीण बोड़ला ब्लॉक के ग्राम कुकरापानी, दलदली, तरलापानी, चंद्रापानी, धनवटी, लरबक्की और आमानारा के हैं. ये सभी 8 दिन पहले लोरमी (मुंगेली) के खुडिया रेंज के सरगढ़ी जंगल में रहने के लिए पहुंचे थे.

पलायन करते 300 से ज्यादा आदिवासियों को पुलिस ने रोका

पढ़ें: आमदई में जल,जंगल और जमीन के लिए डटे आदिवासी

अधिकारियों ने हटाया
ग्रामीणों की स्वस्फूर्त विस्थापन की जानकारी मिलते ही मुंगेली वन विभाग हरकत में आया. वन विभाग ने एटीआर,राजस्व विभाग और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर इन ग्रामीणों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की. इस दौरान दो ग्रामीण घायल हो गए. अफरा-तफरी में 11 ग्रामीणों के लापता होने की बात सामने आई है.

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

Tribal migration
आदिवासियों का पलायन
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती भगाया जा रहा है. गांव की जमीन एकदम खराब है. वहां खेती नहीं हो सकती. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को इसे लेकर आवेदन भी सौंपा था. लेकिन खेती में सुधार नहीं हो सका. ग्रामीण सुखीराम ने बताया कि बार- बार आवेदन के बाद उन्हें खुड़िया रेंज के सरगढ़ी गांव में 467 कंपार्टमेंट में बसाने की बात कही गई थी. इसलिए वे अपने परिवार सहित घर छोड़कर सरगढ़ी गांव में आए थे.

पढ़ें: निक्को कंपनी की खदान के विरोध में आदिवासियों का धरना जारी

शांतिपूर्ण तरीके से भेजा वापस
मुंगेली एएसपी सीडी तिर्की का कहना है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्रामीण सरगढ़ी में आकर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्ण तरीके से वापस भेज दिया गया है.

मुंगेली: बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ गांवों के करीब 300 आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी गांव में बसने पहुंचे थे. सूचना पर मुंगेली पुलिस और फॉरेस्ट की टीम सरगढ़ी पहुंचकर आदिवासियों को रोका. इस दौरान पुलिस की ग्रामीणों से मारपीट हुई है. मारपीट में 2 लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं 11 ग्रामीण लापता हो गए हैं. 3 ट्रैक्टर, राशन सामग्री, गर्म कपड़े और सैकड़ों आधार कार्ड गायब हैं. पलायन कर सरगढ़ी जंगल में बसने गए सभी ग्रामीण बोड़ला ब्लॉक के ग्राम कुकरापानी, दलदली, तरलापानी, चंद्रापानी, धनवटी, लरबक्की और आमानारा के हैं. ये सभी 8 दिन पहले लोरमी (मुंगेली) के खुडिया रेंज के सरगढ़ी जंगल में रहने के लिए पहुंचे थे.

पलायन करते 300 से ज्यादा आदिवासियों को पुलिस ने रोका

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अधिकारियों ने हटाया
ग्रामीणों की स्वस्फूर्त विस्थापन की जानकारी मिलते ही मुंगेली वन विभाग हरकत में आया. वन विभाग ने एटीआर,राजस्व विभाग और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर इन ग्रामीणों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की. इस दौरान दो ग्रामीण घायल हो गए. अफरा-तफरी में 11 ग्रामीणों के लापता होने की बात सामने आई है.

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

Tribal migration
आदिवासियों का पलायन
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती भगाया जा रहा है. गांव की जमीन एकदम खराब है. वहां खेती नहीं हो सकती. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को इसे लेकर आवेदन भी सौंपा था. लेकिन खेती में सुधार नहीं हो सका. ग्रामीण सुखीराम ने बताया कि बार- बार आवेदन के बाद उन्हें खुड़िया रेंज के सरगढ़ी गांव में 467 कंपार्टमेंट में बसाने की बात कही गई थी. इसलिए वे अपने परिवार सहित घर छोड़कर सरगढ़ी गांव में आए थे.

पढ़ें: निक्को कंपनी की खदान के विरोध में आदिवासियों का धरना जारी

शांतिपूर्ण तरीके से भेजा वापस
मुंगेली एएसपी सीडी तिर्की का कहना है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्रामीण सरगढ़ी में आकर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्ण तरीके से वापस भेज दिया गया है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 3:39 PM IST
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