एमसीबी: कहने को तो ये राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र हैं, लेकिन इनके हाल ऐसे है कि बीमार होने पर पहले इन्हें खाट में ढोकर अस्प्ताल तक पहुंचाया जाता है. फिर सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिला ते कर्ज लेकर निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है. मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के खड़गवां विकास खंड के ग्राम पंचायत कटकोना में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति पंडो के गरीब परिवारों को इलाज के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ती है. जब राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वालों का ये हाल है तो भला बाकी के लोगों का क्या होता होगा. प्रशासन अभी तक इनके हालात सुधारने में नाकाम साबित रहा है.
गांव के ही व्यक्ति के पास गिरवी रखते हैं पुश्तैनी जमीन: पंडो जनजाति के लोगों के सामने इलाज के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन गिरवी रखने के आलावा कोई चारा नहीं है. गांव के ही भरतलाल साहू नामक व्यक्ति को पंडो परिवार अपनी पुश्तैनी जमीन गिरवी पर रखता है और इलाज के लिए पैसे लेता है.
2 किमी पैदल चलने के बाद मिल पाई थी एंबुलेंस: खड़गवां ब्लाक के विधायक आदर्श ग्राम कटकोना के पंडोपारा में 16 जुलाई को सेमरिया बाई नाम की महिला को जहरीले जंतु ने काट लिया. उसे बेहोशी की हालत में अस्प्ताल ले जाने के लिए ग्रामीणों लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. इसके बाद एंबुलेंस मिल पाया. क्योंकि बरसात हो रही थी और कच्ची सड़क होने के कारण एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच पाई.
परिवार को पड़ी दोहरी मार: विधायक आदर्श ग्राम में पंडो परिवार पर दोहरी मार पड़ी. पहले मरीज को खाट में ढोकर पैदल ले गए और जब सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं हो पाया तो निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा. इसके लिए जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी, क्योंकि इलाज के लिए परिवार के पास पैसे ही नहीं थे.
बहन को बेहोशी की हालत में पहले खड़गवां सामुदायिक स्वास्थ्य ले गए जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. फिर वहां से भी हमें 100 किलोमीटर दूर अंबिकापुर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बहन की तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते हम उसे निजी अस्पताल में ले गए और वहां इलाज कराया. इसके लिए अपनी जमीन को भी गिरवी रखनी पड़ी. अब हमारी बहन ठीक है और घर वापस आ गई है. -मरीज सेमरिया बाई के भाई
मीडिया में मुद्दा उठने के बाद मिलने पहुंचे कलेक्टर: सेमरिया बाई को अस्पताल ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. फिर मीडिया ने मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा पंडो परिवार से मिलने पहुंचे. लेकिन मदद के नाम पर उनके भी हाथ बंधे नजर आए. सड़क निर्माण की स्वीकृति होने की बात कही और स्वास्थ्य सुविधा सही करने का वादा किया.