मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भरतपुर से 7 किलोमीटर दूर भगवानपुर गांव में मां चांग देवी माता का प्रसिद्ध मंदिर है. यहां दूर-दूर से लोग माता के दर्शन को पहुंचते हैं. ये मंदिर काफी प्राचीन है. लोगों का मानना है कि यहां जो भी मुरादें मांगी जाती है, चांग माता उन मुरादों को पूरी करती हैं. मां का मंदिर घने जंगलों के बीच बसा हुआ है.
पहले पेड़ के नीचे विराजमान थीं माता: कहा जाता है कि चांग माता की मूर्ति राजा मानसिंह साल 1790 में खोहरा पाट से लाए थे. कई सालों तक तो खदई के पेड़ के नीचे माता विराजमान थीं. लेकिन बाद में माता का मंदिर बनवाया गया. यही मंदिर आज मां चांग देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. मां चांग देवी मंदिर के प्रति शुरू से ही लोगों की आस्था है. लोगों का मानना है कि यहां जो भी वर मांगा जाता है, वो पूरा होता है. इसी आस्था और विश्वास के साथ लोग दूर-दूर से आते हैं.
मध्य प्रदेश के सीधी जिला से आया हूं. मां के दरबार में लगभग हम 20 साल से आ रहा हूं. यहां हर त्योहार पर भीड़ लगा रहता है. - राजीव कुमार साहू, श्रद्धालु
त्योहारों पर उमड़ती है भारी भीड़: इस मंदिर में 12 महीने भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. खासकर त्योहारों में यहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. इस मंदिर में फसलों की कटाई को लेकर भी उत्सव मनाया जाता है. वर्षा ऋतु के स्वागत या फिर पूर्णिमा में भी यहां खास तैयारी की जाती है. खास त्योहार जैसे दीपावली, होली, दशहरा, रक्षा बंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, लोहड़ी, राम नवमी, मकर संक्रांति में भी माता के भक्त यहां अर्जी लगाने पहुंचते हैं. रामनवमी और नवरात्रि के समय यहां काफी भीड़ रहती है.
माता सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. झगड़ाखंड माता, काली माता, दुर्गा माता और डंकिनी देवी का यहां निवास है. ये माता सभी की मनोकामना को पूरी करती हैं. -दऊआ, माता का सेवादार
मां चांग देवी मंदिर में श्रद्धालु अक्सर पूजा-अर्चना और कथा के लिए भी आते हैं. चांग देवी मंदिर सभी की मनोकामना करने के लिए जाना जाता है.