महासमुंद : जिले के पूर्व विधायक और भाजपा नेता विमल चोपड़ा अपने घर पर ही अनशन पर बैठे हैं. यह अनशन उन्होंने 12 घंटे के लिए अलग-अलग राज्यों में फंसे महासमुंद के मजदूरों के लिए किया है, जो विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं. विमल चोपड़ा ने कहा कि 'जो मजदूर पिछले कई दिनों से वापस नहीं आ पाए हैं, उसकी वजह राज्य सरकार की उदासीनता है. जिसके कारण यह मजदूर वापस नहीं आ पा रहे हैं, जबकि अन्य राज्य के लोग अपने मजदूरों को वापस ला रहे हैं'.
वहीं वर्तमान विधायक विनोद चंद्राकर ने कहा कि 'पूर्व विधायक के समझ में कुछ कमी आ चुकी है, इसलिए उन्हें एक बार धरातल में जाना चाहिए और अच्छे से सब चीजें समझनी चाहिए, क्योंकि जो अनशन वह कर रहे हैं, वह राज्य के लिए नहीं केंद्र के लिए करना चाहिए. क्योंकि केंद्र की सरकार ही पक्षपात कर रही है'.
'भूपेश बघेल कई दिनों से ट्रेन की मांग कर रहे'
उन्होंने कहा कि, 'राज्य सरकार ने मजदूरों को वापस लाने के लिए केंद्र से ट्रेन की मांग की है, पर केंद्र सरकार ने हमें सिर्फ तीन ट्रेनें दी हैं और वह भी सैद्धांतिक शर्तों पर. हमारे मुख्यमंत्री अपने राज्य के खर्च पर कई बसों से हर रोज मजदूरों को वापस ला रहे हैं. हम भी ओडिशा बॉर्डर से कई मजदूरों को ला चुके हैं'.
पढ़ें : ओडिशा में फंसे 110 मजदूरों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लगाई गुहार
बता दें कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए पूरे भारत में 24 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के बाद रेल और बस के पहिए भी थम गए हैं, जिसके कारण मजदूर तबके के लोग अलग-अलग राज्यों मे फंसे हुए हैं. अचानक हुए लॉकडाउन से बहुत से लोग अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं. इस क्रम में महासमुंद और बलौदाबाजार जिले के 110 मजदूर ओडिशा राज्य के जिला केन्द्र पड़ा थाना डेरा बी ग्राम पंचायत काऊ पुड़ा के नीला कना गांव और काऊ पुड़ा गांव में फंसे हुए हैं. जिन्हें वापस लाने के लिए पूर्व विधायक विमल चोपड़ा 12 घंटे के लिए अपने घर पर ही अनशन पर बैठे हैं.