महासमुंद: जिले में 95 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन अब तक सिर्फ 59,299 मानक बोरा तेंदूपत्ता का ही संग्रहण हो पाया है. मौसम में बदलाव की वजह से अब नए पत्ते कम आ रहे हैं. आगामी दिनों में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम प्रभावित हो सकता है. इस साल तेंदूपत्ता संग्रहण का काम 6 मई से शुरू हुआ था.
जिले में 15 दिनों में लक्ष्य के अनुसार 70% संग्रहण काम कर लिया गया है. अब तक 27 करोड़ सात लाख रुपये का तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है. वन विभाग ने बताया कि मौसम में बदलाव की वजह से तेंदूपत्ता की गुणवत्ता में कमी देखी गई है.
कोरबा में कोरोना और खराब मौसम ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ाई चिंता
गर्मी के सीजन में वनांचल के लोगों का तेंदूपत्ता भी एक आय का जरिया होता है. पिछले वर्ष भी मौसम की वजह से तेंदूपत्ता संग्रहण के काम पर बहुत असर पड़ा था और लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया था. इस साल भी बेमौसम बारिश से तेंदूपत्ता संग्राहकों को नुकसान हुआ है.
लॉकडाउन ने भी बढ़ाई ग्रामीणों की परेशानी
मौसम में बार-बार परिवर्तन से संग्राहक परिवार मायूस हैं. जिले में कुल 90 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार है. मौसम में आए बदलाव से कई परिवारों की आय पर असर पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से भी परेशानी का सामना करना पड़ा है. इन क्षेत्रों में हाथी भी उत्पात मचा रहे हैं.
महासमुंद में शुरू हुआ तेंदूपत्ता संग्रहण का काम
9 मई के बाद से तेंदूपत्ता संग्रहण की रफ्तार धीमी
6 मई को तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हुआ था. 3 दिन में ही 34 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण कर लिया गया था. 9 मई के बाद से तेंदूपत्ता संग्रहण की रफ्तार धीमी हो गई है. पिछले 10 दिनों में 35 हजार मानक बोरा ही संग्रहण किया गया है. कोरोना की वजह से भी लोग इस बार तेंदूपत्ता तोड़ने कम निकले हैं.