महासमुंद : पुरातात्विक नगरी सिरपुर में रविवार सुबह अचानक सुरंगनुमा गड्ढा मिलने से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया. सिरपुर पुरातत्विक नगरी में से एक है, यहां प्राचीन सभ्यता से जुड़े कई राज दफन हैं. लिहाजा सुरंग की खबर लगते ही प्रशासनिक अमले के साथ-साथ स्थानीय विधायक और संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर भी सिरपुर पहुंचे.
'करीब 4 फीट चौड़ा है सुरंगनुमा गड्ढा'
इस मामले की जानकारी पुरातत्व विभाग रायपुर को भी दी गई. सूचना मिलते ही पुरातत्व विभाग की टीम भी जांच-पड़ताल के लिए पहुंची और देर रात वापस लौट गई. प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि यह सुरंग करीब 4 फीट चौड़ी है, लेकिन आगे जाकर करीब आठ से 10 फीट चौड़ी हो जाती है. अंदर काफी अंधेरा भी है और पानी भरा हुआ है, इसलिए कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. इसे देखकर ऐसा लगता है कि यह सुरंग अलग-अलग दिशा में जाती होगी.
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पुरातत्व विभाग की टीम की जांच में यह गया कि यह कोई सुरंग नहीं बल्कि मानव निर्मित गड्ढा है. सुरक्षा के मद्देनजर इस गड्ढे को पाटने की सलाह दी गई है. ताकि कोई अप्रिय घटना ना घटे. जिसके बाद स्थानीय पंचायत के लोगों ने गड्ढे को रेत से भर दिया है.
सिरपुर क्यों हैं खास
सिरपुर छत्तीसगढ़ के महानदी के तट पर बसा एक पुरातात्विक स्थल है. सिरपुर का प्राचीन नाम श्रीपुरा था. यहां एक विशाल नगर हुआ करता था. ईंटों से बना हुआ प्राचीन लक्ष्मण मंदिर प्रमुख दर्शनीय स्थल है. भव्य लक्ष्मण मंदिर सोमवंशी राजा हर्ष गुप्त की विधवा रानी वसाटा देवी ने बनवाया था. जिसका स्वरूप महाबोधि गया बिहार जैसा दिखता है.