महासमुंद: मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में कन्या को दी जाने वाली सामग्री में भारी अनियमितता बरते जाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक महिला बाल विकास अधिकारी ने मामले को लेकर एक जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा है. मामले में अब तक जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कुछ भी नहीं कहा है. वहीं कलेक्टर ने प्रतिवेदन मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत करीब 200 जोड़ों की शादी का लक्ष्य तय हुआ था. 14-15 मार्च को ये शादियां हुईं थीं. इन शादियों में वर-वधू को शासन की ओर दी जाने वाली सामाग्री के लिए करीब 32 लाख का वर्क आर्डर जारी किया गया. लेकिन शादी में दिए गए भेंट का जब महिला बाल विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया तो बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. अधिकारी की मानें तो शादी में दिए गए समान जारी टेंडर के मुताबिक कम दर के हैं. साथ ही उनकी क्वॉलिटी भी खराब है.
आर्डर किसी को मिला, सप्लाई किसी और ने किया
सितंबर 2019 में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई. 20 फरवरी 2020 को वर्क आर्डर रायपुर के मेसर्स लब्धि ज्वेलर्स और मेसर्स ए टू जेड को दिया गया. लेकिन सप्लाई इन दोनों मेसर्स की ओर से नहीं हुई. आर्डर की सप्लाई धमतरी के मेसर्स अरिहंत मेटल और रायपुर के छत्तीसगढ़ सेल्स ने की. सप्लाई किए गए सामान दूसरी कम्पनी के निम्न क्वॉलिटी वाले सामान आए.
जारी किए गए आर्डर में ब्रांडेड पंखा, ब्रांडेड प्रेस, बर्तन सेट, प्रेस, ब्रांडेड कुकर, चादर, तकिया, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल, वर-वधू के कपड़े शामिल थे. लेकिन जो समान आए दूसरी कम्पनी के निम्न क्वालिटी वाले पंखे, प्रेस, और कुकर थे. जिनकी बाजार में कीमत बहुत कम है.
कब और कहां हुई शादी
14 से 15 मार्च को शादियां हुईं थी. जिसमें महासमुंद के 58 जोड़े, पिथौरा,बागबाहरा के 70 जोड़े, बसना के 60 जोड़ों ने फेरे लिए थे. इन्हें निम्न क्वालिटी के सामान दिए गए हैं.
अब आगे क्या
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत दिए जाने वाले सामान की घटिया क्वॉलिटी मिलने के बाद जिम्मेदारों पर सवाल उठ रहे हैं. महिला बाल विकास अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन भेजने की बात कही है. वहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी इस मामले में खामोश हैं. हालांकि कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है.