महासमुंद: छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक महासमुंद लोकसभा सीट को हाईप्रोफाइल सीटों में गिना जाता है. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे विद्या चरण शुक्ल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत इसी सीट से की थी. विद्या चरण शुक्ल जबतक कांग्रेस में रहे छह बार यहां से जीते चुनाव जीते थे. हालांकि, 2004 में जब वे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए, यहीं से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन कांग्रेस के अजीत जोगी ने उन्हें हरा दिया.
चंदूलाल का टिकट कटा
1952 से अब तक यहां कुल 16 बार लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. साल 2000 में विभाजन के बाद यहां तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. बीजेपी के वर्तमान सांसद चंदूलाल 2009 और 2014 में लगातार जीत दर्ज की है, लेकिन पार्टी ने इस बार चंदूलाल का टिकट काट दिया है.
5 विधानसभा सीट पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी का कब्जा
महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के भीतर कुल 8 विधानसभा सीटें है, जिसमें वर्तमान में 5 पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी का कब्जा है. 11 हजार 121 वर्ग किलोमीटर में फैले महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में 51 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से आते हैं. इसमें साहू, कुर्मी, कोलता, यादव, अगरिया जाति के लोग शामिल हैं. वहीं 29 फीसदी अनुसूचित जनजाति, 13 फीसदी अनुसूचित जाति, करीब 4 फीसदी स्वर्ण और 3 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या है. महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में कुल 16 लाख 32 हजार 963 मतदाता हैं. इसमें 8 लाख 10 हजार 784 पुरुष मतदाता, 8 लाख 22 हजार 158 महिला मतदाता और 21 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. इस सीट को लेकर एक और बात कही जाती है कि, यहां कभी किसी पार्टी की नहीं चलती, यहां के मतदाता पार्टा से ज्यादा उम्मीदवार की जाति को देखते हैं.
कृषि पर निर्भर है महासमुंद की अर्थव्यवस्था
प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को अपने अंदर समेटे महासमुंद लोकसभा हाई प्रोफाइल सीट होने के बावजूद विकास के क्षेत्र में पिछड़ा है. महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, कॉलेजों में प्रोफेसर्स की कमी के साथ बेरोजगारी यहां के प्रमुख मुद्दे हैं. इती समस्याओं के बावजूद यह लोकसभी सीट हमेशा चर्चा में रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी चंदू लाल साहू ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे अजीत जोगी को हराया था. वहीं इस चुनाव में चंदू लाल साहू नाम के 11 प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की वजह से ये सीट देशभर में चर्चा का विषय बनी रही थी.