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कोरोना इफेक्ट: लॉकडाउन से महासमुंद में 90 फीसदी बस ऑपरेटरों ने किया परमिट सरेंडर

लॉकडाउन से प्रदेश में बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है. ऐसे में बसों के नहीं चलने से होने वाले नुकसान से बचने के लिए महासमुंद जिले के 90 फीसदी बस ऑपरेटरों ने परमिट सरेंडर कर दिया है. परमिट सरेंडर करने से परिवहन विभाग के 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.

262 bus operators surrender their permits
262 बस संचालकों ने अपना परमिट सरेंडर किया
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Published : May 3, 2021, 3:50 PM IST

महासमुंद: लॉकडाउन में बसों के नहीं चलने से महासमुंद जिले के बस ऑपरेटर परिमट सरेंडर कर रहे हैं. अब तक जिले में 90 फीसदी बस ऑपरेटरों ने अपना परमिट सरेंडर कर दिया है. महासमुंद परिवहन विभाग (Mahasamund Transport Department) में अबतक 262 बस संचालकों ने अपना परमिट सरेंडर किया है. इससे परिवहन विभाग को करीब पांच लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. वहीं बसों के न चलने से संचालकों को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.

6 मई से रायपुर में इन दुकानों को खोलने की इजाजत मिल सकती है

रायपुर रूट पर चलने वाली 70 बसें बंद

महासमुंद परिवहन अधिकारी मोहनलाल साहू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बसों की आवाजाही बंद है. मार्च महीने में 97, वहीं अप्रैल माह के अंत तक 165 बसों के संचालकों ने परमिट सरेंडर किया है. बड़ी संख्या में परमिट सरेंडर होने से विभाग को करीब पांच लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. जब तक जिला अनलॉक नहीं होगा. तब तक बसों का संचालन शुरू नहीं पाएगा.

लापरवाही ! महासमुंद के ज्यादातर ATM में सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं


मुश्किल से पटरी पर लौटा था कारोबार

महासमुंद बस एसोसिएशन अध्यक्ष, राकेश चंद्राकर ने बताया कि पिछले साल हुए लॉकडाउन के बाद बसों का संचालन जुलाई माह में शुरू हुआ था. करीब चार माह की कोशिशों के बाद बस कारोबार दिसंबर में पटरी पर लौटा था. मार्च 2021 में संक्रमण का खतरा बढ़ा और कारोबार पूरी तरह ठप हो गया. अप्रैल में सर्वाधिक शादियां थीं, जिसकी बुकिंग भी हो चुकी थी. हालांकि लॉकडाउन और शासन के निर्देश के तहत संख्या सीमित होने के बाद बुकिंग भी कैंसल हो गई. पिछली बार की तरह इस बार सभी बस संचालकों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. अब कब तक लॉकडाउन रहेगा यह भी तय नहीं है.

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