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फिर उठी सरायपाली को जिला बनाने की मांग, लोगों को भूपेश सरकार से आस

गौरेला-पेंड्रा-मारवाही को जिला बनाने की घोषणा के बाद सरायपाली के क्षेत्रीय लोगों में एक बार फिर इसे जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ स्थानीय लोगों ने भी अब इस पर जोर देना शुरू कर दिया है.

सरायपाली को जिला बनाने की मांग
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Published : Aug 24, 2019, 8:12 PM IST

महासमुंद: प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार के द्वारा पेण्ड्रा, गौरेला, और मरवाही को नया जिला बनाने की घोषणा के बाद महासमुंद जिले के सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो गई है. पूर्वी छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यापारिक केंद्र सरायपाली वर्तमान में महासमुंद जिले में शामिल है.

पंडित रविशंकर शुक्ल का निर्वाचन क्षेत्र था सरायपाली
अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे पंडित रविशंकर शुक्ल को विधायक चुनकर भेजने वाले इस सरायपाली क्षेत्र के लोग जिला निर्माण की दिशा में आज भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले सरायपाली का यह अंचल अविभाजित रायपुर जिले में आता था. लेकिन, महासमुंद को जिला बनाए जाने के बाद सरायपाली इसी जिले में शामिल हो गया.

फिर उठी सरायपाली को जिला बनाने की मांग

पर्याप्त संसाधन न होने से लोगों को हो रही दिक्कत
गौरतलब है कि महासमुंद जिला मुख्यालय की दूरी सरायपाली अंचल से 120 किलोमीटर है. जहां आवागमन के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है. ऐसी स्थिति में सरायपाली अंचल के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इससे लोगों को समय और पैसों का नुकसान भी होता है.

जिले की मांग को लेकर हुए कई धरना-आंदोलन
सरायपाली क्षेत्र की जनता समय-समय पर जिले की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करती रही है. लेकिन हर बार क्षेत्र की जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को राजनीतिक तौर पर कुचल दिया गया. इसके लिए कुछ लोग पूर्व की भाजपा सरकार को भी कोसते नजर आ रहे हैं. भूपेश सरकार द्वारा नये जिले का गठन करने के बाद लोगों में एक बार फिर आस जाग गई है और लोग सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से करने लगे हैं.

महासमुंद: प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार के द्वारा पेण्ड्रा, गौरेला, और मरवाही को नया जिला बनाने की घोषणा के बाद महासमुंद जिले के सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो गई है. पूर्वी छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यापारिक केंद्र सरायपाली वर्तमान में महासमुंद जिले में शामिल है.

पंडित रविशंकर शुक्ल का निर्वाचन क्षेत्र था सरायपाली
अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे पंडित रविशंकर शुक्ल को विधायक चुनकर भेजने वाले इस सरायपाली क्षेत्र के लोग जिला निर्माण की दिशा में आज भी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले सरायपाली का यह अंचल अविभाजित रायपुर जिले में आता था. लेकिन, महासमुंद को जिला बनाए जाने के बाद सरायपाली इसी जिले में शामिल हो गया.

फिर उठी सरायपाली को जिला बनाने की मांग

पर्याप्त संसाधन न होने से लोगों को हो रही दिक्कत
गौरतलब है कि महासमुंद जिला मुख्यालय की दूरी सरायपाली अंचल से 120 किलोमीटर है. जहां आवागमन के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है. ऐसी स्थिति में सरायपाली अंचल के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इससे लोगों को समय और पैसों का नुकसान भी होता है.

जिले की मांग को लेकर हुए कई धरना-आंदोलन
सरायपाली क्षेत्र की जनता समय-समय पर जिले की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करती रही है. लेकिन हर बार क्षेत्र की जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को राजनीतिक तौर पर कुचल दिया गया. इसके लिए कुछ लोग पूर्व की भाजपा सरकार को भी कोसते नजर आ रहे हैं. भूपेश सरकार द्वारा नये जिले का गठन करने के बाद लोगों में एक बार फिर आस जाग गई है और लोग सरायपाली को जिला बनाने की मांग फिर से करने लगे हैं.

Intro:
एंकर - प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार के द्वारा पेण्ड्रा ,मरवाही ,गोरेल्ला को नया जिला बनाने की घोषणा के बाद महासमुंद जिले के सराईपाली को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो गई है...पूर्वी छत्तीसगढ़ का प्रमुख व्यापारिक केंद्र सराईपाली वर्तमान में महासमुन्द जिले में शामिल है....जो जिला मुख्यालय से भौगोलिक एवं आवागमन की दृष्टि से यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है....अविभाजित मध्यप्रदेश को प्रथम मुख्यमंत्री रहे पंडित रविशंकर शुक्ल को विधायक चुनकर भेजने वाले सरायपाली क्षेत्र के लोग जिला निर्माण की दिशा में आज भी उपेक्षित महसूस कर रहे है....बता दें कि छत्तीसगढ़ निर्माण से पहले सरायपाली का यह अंचल अविभाजित रायपुर जिले में सम्मिलित था किंतु महासमुन्द को जिला बनाए जाने के महासमुन्द जिले में सम्मिलित हो गया....
Body:तब से लेकर आज पर्यंत सराईपाली को जिला बनाने की मांग यहां की जनता लगातार कर रही है....लेकिन सरकारें यहां की जनता की आवाज को नहीं सुन रही थी....गौरतलब है कि महासमुन्द जिला मुख्यालय की दूरी सरायपाली अंचल से 120 किलोमीटर है....जहां आवागमन के लिए पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं है....ऐसी स्थिति में सरायपाली अंचल के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है और उनके समय और धन का भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है....सराईपाली क्षेत्र की जनता समय-समय पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी जिले की मांग को लेकर करती रही लेकिन हर बार क्षेत्र के जनता की बहुप्रतीक्षित मांग को राजनीतिक तौर पर कुचल दिया गया.....जिसके लिए कुछ लोग पूर्व की भाजपा सरकार को भी कोसते नजर आ रहे है....भूपेश सरकार द्वारा नये जिले का गठन करने के बाद लोगों में एक बार फिर आस जाग गई है और लोग सराईपाली को जिला बनाने की मांग फिर से करने लगे है....Conclusion:बाइट 01 - रुबी ठाकुर (काला टी-षर्ट)

बाइट 02 - दीपक शर्मा (संतरे कलर का षर्ट और मूछा रखा हुआ)

बाइट 03 - विपिन उबोवेजा (क्रीम कलर का षर्ट लाईनिंग वाला)

बाइट 04 - केशरीनन्दन सैन (संतरे कलर का षर्ट और दाडी रखा हुआ)

हकीमुदद्ीन नासिर इटीवी भारत महासमुन्द मो. 9826555052
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