महासमुंद: छत्तीसगढ़ सरकार भुइयां सॉफ्टवेयर को डेवलप कर दी है. खेती किसानी और मकान के रिकार्ड को भुईया कार्यक्रम में अपडेट किया गया है. राजस्व संबंधित कई रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिए गए हैं. 2001 में ऑनलाइन कर दिया गया है. इसमें कई खामिया हैं. कुछ जगहों का नक्शा अभी तक ऑनलाइन नहीं मिल रहा है. ऐसे में रजिस्ट्री और कृषि कार्य में परेशानी हो रही है. किसान राजस्व कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
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राजस्व विभाग ने भुइयां कार्यक्रम के तहत खसरा, खाता, नक्शा ऑनलाइन नहीं कर पाया है. ऑनलाइन रिकार्ड नहीं निकल पा रहे हैं. बागबाहरा ब्लॉक के लालपुर बागबाहरा के किसान का पुराना नक्शा फट गया है. ऐसे में ऑनलाइन B-1, खसरा नहीं निकल रहा है. किसान परेशान नजर आ रहे हैं.
सोसायटी से खाद-बीज और बैंक से लोन नहीं मिल रहा
पिथौरा के जेराभरन गांव के लोगों का भी यही समस्या है. किसानों को सोसायटी से खाद-बीज और बैंक से लोन नहीं मिल रहा है. न ही रजिस्ट्री हो पा रही है. जिले में हजारों किसान परेशान हैं. इनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है.
महासमुंद में खसरा और रकबा को लेकर लोग परेशान
महासमुंद में खसरा ,रकबा ,नक्शा के लिए लोगों को भटकना न पड़े. इसलिए शासन ने भुइयां कार्यक्रम की शुरूआत की. लोगों को समस्या से निजात नहीं मिल रहा है. राजस्व विभाग के सुस्त कार्य प्रणाली को दर्शाता है.
पटवारियों की प्रमुख मांगें
- जमीन की समस्या दूर कर और संसाधन मुहैया कराए जाएं.
- विभागीय जांच पूरी नहीं होने तक FIR पर रोक.
- मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त.