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महासमुंद: बेमौसम बारिश से भीगा लाखों क्विंटल धान

छत्तीसगढ़ में अचानक हुई बारिश ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है. प्रदेश के कई धान खरीदी केंद्रों में रखे धान बारिश में भीग गए हैं.

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Published : Jan 29, 2021, 9:45 PM IST

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केंद्र में रखा धान भीगा

महासमुंद: गुरुवार की रात हुई बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है. धीमे परिवहन की वजह से उपार्जन केंद्रों में खुले में रखे हजारों क्विंटल धान भीग गए हैं. जिले में 138 धान उपार्जन केंद्रों के जरिए शासन इस बार धान खरीदी कर रही है. नियम के मुताबिक सोसायटी में जो धान का बंपर स्टॉक है उसे सोसायटी से 72 घंटे में उठाव कर लेना है. लेकिन धान खरीदी के अंतिम दौर में भी सोसाइटियों से ज्यादातर धान का उठाव नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से धान भीग रहे हैं.

केंद्र में रखा धान भीगा

हर धान खरीदी केंद्र और संग्रहण केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने के लिए सरकार 2 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करती है. लेकिन इसके बावजूद हर साल धान खराब होता है. जो बड़ी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है.

बलौदाबाजार और बेमेतरा में भी भीगा धान

बलौदाबाजार और बेमेतरा जिले में भी बेमौसम बारिश से लाखों का धान बारिश में भीगकर खराब हो गया. ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त शेड की व्यवस्था नहीं होने से कई मीट्रिक टन धान भीगकर खराब हो गया है.

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केंद्र में रखा धान भीगा

पढ़ें: मुंगेली: बेमौसम बारिश से भीग रहा खुले में रखा धान

90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की धान खरीदी

सरकार ने अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदी कर ली है. भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने 2020-21 में समय से पहले ही 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी अभी 31 जनवरी तक चलेगी.

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केंद्र में रखा धान भीगा

42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

छत्तीसगढ़ में अब तक 42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हुआ है. 46 लाख 64 हजार मीट्रिक टन धान अभी खरीदी केंद्रों में है. 28 लाख मीट्रिक टन धान मिलर्स को दिया गया है, जबकि 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन धान संग्रहण केंद्र में रखा गया है.

महासमुंद: गुरुवार की रात हुई बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है. धीमे परिवहन की वजह से उपार्जन केंद्रों में खुले में रखे हजारों क्विंटल धान भीग गए हैं. जिले में 138 धान उपार्जन केंद्रों के जरिए शासन इस बार धान खरीदी कर रही है. नियम के मुताबिक सोसायटी में जो धान का बंपर स्टॉक है उसे सोसायटी से 72 घंटे में उठाव कर लेना है. लेकिन धान खरीदी के अंतिम दौर में भी सोसाइटियों से ज्यादातर धान का उठाव नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से धान भीग रहे हैं.

केंद्र में रखा धान भीगा

हर धान खरीदी केंद्र और संग्रहण केंद्रों में धान को सुरक्षित रखने के लिए सरकार 2 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करती है. लेकिन इसके बावजूद हर साल धान खराब होता है. जो बड़ी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है.

बलौदाबाजार और बेमेतरा में भी भीगा धान

बलौदाबाजार और बेमेतरा जिले में भी बेमौसम बारिश से लाखों का धान बारिश में भीगकर खराब हो गया. ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त शेड की व्यवस्था नहीं होने से कई मीट्रिक टन धान भीगकर खराब हो गया है.

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केंद्र में रखा धान भीगा

पढ़ें: मुंगेली: बेमौसम बारिश से भीग रहा खुले में रखा धान

90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की धान खरीदी

सरकार ने अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदी कर ली है. भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने 2020-21 में समय से पहले ही 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि धान खरीदी अभी 31 जनवरी तक चलेगी.

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केंद्र में रखा धान भीगा

42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

छत्तीसगढ़ में अब तक 42 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हुआ है. 46 लाख 64 हजार मीट्रिक टन धान अभी खरीदी केंद्रों में है. 28 लाख मीट्रिक टन धान मिलर्स को दिया गया है, जबकि 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन धान संग्रहण केंद्र में रखा गया है.

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