महासमुंद: जमीन पर तो आपने खेत और सब्जियों के न जाने कितने बाग देखे होंगे, पर क्या आपने छत पर फसल को उगते देखा है, अगर नहीं तो धान की इस फसल को ध्यान से देखिए यह जमीन पर नहीं बल्कि घर की छत पर उगाई गई है. यह छत है महासमुंद के नयापारा वार्ड के निवासी भागीरथी प्रसाद बीसाई का है.
भागीरथी प्रसाद 1996 से छत पर खेती कर रहे हैं और पिछले 21 साल में वो नए-नए प्रयोग कर छत पर गेहूं और धान के साथ-साथ भाजी, गोभी, टमाटर और भिंडी की खेती कर चुके हैं. यही नहीं वो यहां पर टमाटर, मिर्ची और बैगन भी लगा चुके हैं.
75 साल की उम्र होने के बाद भी भागीरथी का जुनून कम नहीं हुआ. अपना काम निपटाने के बाद वो हर रोज छत पर जाकर वहां लगी फसल और सब्जी की देखभाल करते हैं और उनकी इस अनोखी खेती को देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और तो और इसमें खर्च भी कम आता है.
आबादी बढ़ने और खेती का रकबा घटने से किसानी के अस्तित्व में खतरा नजर आ रहा है. ऐसी स्थिति में छत पर खेती करना फायदे का सौदा है. क्योंकि इसमें जमीन में खेती करने की तुलना में लागत भी कम लगती है, इसके साथ ही कीट पंतगे और जानवरों की ओर से फसल को नुकसान पहुंचाने का खतरा भी नहीं होता.
कृषि अधिकारी वीपी चौबे का कहना है कि इस तरह की खेती अपने आप में एक अद्भुत प्रयास है और शासन स्तर पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया है. तेजी से बढ़ती आबादी की वजह से जहां खेती की जमीन का रकबा कम होता जा रहा है, ऐसे में भागीरथी प्रसाद का यह प्रयास निश्चित तौर पर एक नजीर साबित हो सकता है.