महासमुंद : नगरपालिका सरायपाली की अध्यक्ष पद की कुर्सी कांग्रेस के हाथों से निकल गई है. कांग्रेस अध्यक्ष अमृत पटेल के खिलाफ 8 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन चार बीजेपी पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को दिया था. जिसके बाद कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को पीठासीन अधिकारी बनाकर भेजा.जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 और विपक्ष में 3 मत पड़े. इस तरह से अविश्वास प्रस्ताव 12 के मुकाबले 03 मतों से पारित हो गया. जिसके बाद अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली हो गई. आपको बता दें कि नगर पालिका परिषद में पार्षदों की कुल संख्या 15 है. जहां बीजेपी के 8, कांग्रेस के 4 पार्षद और निर्दलीय 3 पार्षद हैं.
कांग्रेस शासन में भी आया था अविश्वास प्रस्ताव :अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन के बाद सरायपाली नगर पालिका के 15 पार्षदों ने मतदान किया. आपको बता दें कि पालिका में पहले भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन कांग्रेस की सरकार होने के कारण सरकार के दबाव में अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हो पाया.लेकिन छत्तीसगढ़ मे सरकार बदलने के बाद पार्षदों में एक जुटता दिखी और दबाव भी खत्म हुआ. इसके बाद निष्पक्ष होकर पार्षदों ने मतदान किया. जिसमें अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के साथ पारित हुआ.
भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप : पार्षदों ने आरोप लगाए हैं कि 4 साल के कांग्रेस अध्यक्ष अमृत पटेल के कार्यकाल में नगर का विकास पूरी तरह ठप हो गया था. पूरा नगर कचरे की ढेर में बदल गया था. मूलभूत सुविधाएं लोगों को ठीक से नहीं मिल पा रही थी. भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर था. जिसे लेकर लगातार आवाज उठ रही थी. जैसे ही नए अध्यक्ष के साथ नई बॉडी का गठन होगा भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की जाएगी. सब पर कार्रवाई होगी और नगर में किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होगी. सभी को मूलभूत सुविधाएं जो उनका अधिकार है उन्हें मिलेगी.
अध्यक्ष पद अब खाली : आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद नगर पालिका से जयस्तंभ चौक तक आतिशबाजी कर बीजेपी पार्षदों पदाधिकारी और नेताओं ने जनता का अभिवादन किया. इस दौरान लोगों ने मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी. पूरी कार्यवाही पर जिला अपर कलेक्टर और चुनाव के रिटर्निंग आफिसर दुर्गेश वर्मा ने बताया कि सभी 15 पार्षदों की उपस्थिति में अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. जो छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 के प्रावधानों के तहत पारित हुआ है. अब अध्यक्ष पद की कुर्सी रिक्त मानी जाएगी.