महासमुंद: महासमुंद नगरपालिका प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. नगरपालिका प्रशासन पिछले 6 वर्षों से बिना पंजीयन, बिना नंबर के वाहन से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम करती आ रही है. यातायात एवं परिवहन विभाग कुभंकर्णी नींद में सोया है. मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद नगरपालिका के आला अधिकारी कागज दिखवाने की बात कर रहे हैं. वहीं यातायात एवं परिवहन विभाग के आला अधिकारी अब जांच कर कार्रवाई का भरोसा दे रहे हैं.
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बिना पंजीयन के कचरा उठा रहे वाहन : टिपर ( छोटा हाथी वाहन ) के माध्यम से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है. 6 साल पहले साल 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन के मिशन क्लिन सिटी के तहत नगरपालिका महासमुंद को 10 टिपर सौंपा गया था. लेकिन नगरपालिका प्रशासन 6 वर्षों के बाद भी इस वाहन का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग में नहीं करा पाया है. वाहन पिछले 6 वर्षों से बिना पंजीकृत नंबर के ही डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक इस तरह की 10 टिपर ( छोटा हाथी ) और कुछ महीने पहले मिले 20 ई-रिक्शा धड़ल्ले से शहर में कचरा कलेक्शन कर रहे हैं.
सीएमओ ने की जांच की बात: पूर्व पार्षदों का कहना है कि नगरपालिका प्रशासन नियम विरुद्ध बिना रजिस्ट्रेशन के वाहन से कचरा उठाने का काम कर रही है. ऐसे में इन वाहनों से किसी का एक्सीडेंट हो जाये तो उसका जवाबदार कौन होगा, ये एक बड़ा सवाल है. ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिये. इस पूरे मामले में नगर पालिका सीएमओ आशीष तिवारी का कहना है कि " जानकारी अब मिल रही है. इसकी जांच कराकर आगे की कार्रवाई करेंगे." शासकीय नियम के अनुसार, बिना नंबर के अलॉटमेंट के वाहन शो-रूम से बाहर नहीं आ सकते. उसके बावजूद पिछले 6 वर्षों से बिना नंबर के वाहन से कचरा उठाने का काम किया जाना कहीं न कहीं तीनों विभागों की घोर लापरवाही को दर्शाता है.