महासमुंद : शासकीय भूमि पर सालों से कब्जाकर घर बनाकर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शासन की ओर से कब्जाधारियों को तहसीलदार ने नोटिस थमाया है. इस नोटिस के मुताबिक जमीन पर कब्जाकर सालों से रह रहे ग्रामीणों को अब लाखों रुपए चुकाने होंगे. इससे आम मजदूरों की चिंता बढ़ गई है.
दरअसल, मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों को यह चिंता सता रही है कि 300 रुपए कमाकर वे अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाते हैं. ऐसे में लाखों रुपए वे कहां से चुकाएंगे. लोगों का कहना है कि सरकार हमारी नहीं सुनेगी, तो हम आंदोलन करेंगे.
क्या हैं पट्टे को लेकर प्रवाधान
- वर्तमान सरकार ने ऐसे लोगों को शासकीय कब्जे की जमीन का पट्टा व मालिकाना हक देने के लिए राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत का कबीज जमीन का भू-भाटक टैक्स अदाकर पट्टा मालिकाना हक देने की योजना बनाई है.
- 800 वर्ग फुट तक की जमीन का पट्टा मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
- नगर पंचायत के लोगों को 5 रुपए प्रति वर्ग फुट और नगरपालिका क्षेत्र के लोगों को 10 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से पैसा देने का प्रवाधान है. ऐसे में गाइडलाइन के अनुसार 100 प्रतिशत और 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर देने पर मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
- 800 से ज्यादा अतिक्रमण करने वाले को गाइडलाइन के 152 प्रतिशत राशि देने पर व्यवस्थापन स्थान देने का प्रावधान है.
- तहसीलदार ने 619 लोगों को पट्टा मालिकाना हक के लिए और 696 लोगों को अतिक्रमण के लिए 30 हजार से लेकर 12 लाख रुपए तक का नोटिस दिया है.