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कब्जाधारियों को तहसीलदार ने धमाया नोटिस, अब चुकाने होंगे लाखों रुपए

सालों से जमीन पर कब्जाकर रहने वाले कब्जाधारियों को तहसीलदार ने नोटिस थमाया है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है.

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Published : Feb 1, 2020, 6:10 PM IST

कब्जाधारियों को  तहसीलदार का नोटिस
कब्जाधारियों को तहसीलदार का नोटिस

महासमुंद : शासकीय भूमि पर सालों से कब्जाकर घर बनाकर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शासन की ओर से कब्जाधारियों को तहसीलदार ने नोटिस थमाया है. इस नोटिस के मुताबिक जमीन पर कब्जाकर सालों से रह रहे ग्रामीणों को अब लाखों रुपए चुकाने होंगे. इससे आम मजदूरों की चिंता बढ़ गई है.

कब्जाधारियों को तहसीलदार का नोटिस

दरअसल, मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों को यह चिंता सता रही है कि 300 रुपए कमाकर वे अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाते हैं. ऐसे में लाखों रुपए वे कहां से चुकाएंगे. लोगों का कहना है कि सरकार हमारी नहीं सुनेगी, तो हम आंदोलन करेंगे.

क्या हैं पट्टे को लेकर प्रवाधान

  • वर्तमान सरकार ने ऐसे लोगों को शासकीय कब्जे की जमीन का पट्टा व मालिकाना हक देने के लिए राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत का कबीज जमीन का भू-भाटक टैक्स अदाकर पट्टा मालिकाना हक देने की योजना बनाई है.
  • 800 वर्ग फुट तक की जमीन का पट्टा मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
  • नगर पंचायत के लोगों को 5 रुपए प्रति वर्ग फुट और नगरपालिका क्षेत्र के लोगों को 10 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से पैसा देने का प्रवाधान है. ऐसे में गाइडलाइन के अनुसार 100 प्रतिशत और 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर देने पर मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
  • 800 से ज्यादा अतिक्रमण करने वाले को गाइडलाइन के 152 प्रतिशत राशि देने पर व्यवस्थापन स्थान देने का प्रावधान है.
  • तहसीलदार ने 619 लोगों को पट्टा मालिकाना हक के लिए और 696 लोगों को अतिक्रमण के लिए 30 हजार से लेकर 12 लाख रुपए तक का नोटिस दिया है.

महासमुंद : शासकीय भूमि पर सालों से कब्जाकर घर बनाकर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शासन की ओर से कब्जाधारियों को तहसीलदार ने नोटिस थमाया है. इस नोटिस के मुताबिक जमीन पर कब्जाकर सालों से रह रहे ग्रामीणों को अब लाखों रुपए चुकाने होंगे. इससे आम मजदूरों की चिंता बढ़ गई है.

कब्जाधारियों को तहसीलदार का नोटिस

दरअसल, मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मजदूरों को यह चिंता सता रही है कि 300 रुपए कमाकर वे अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाते हैं. ऐसे में लाखों रुपए वे कहां से चुकाएंगे. लोगों का कहना है कि सरकार हमारी नहीं सुनेगी, तो हम आंदोलन करेंगे.

क्या हैं पट्टे को लेकर प्रवाधान

  • वर्तमान सरकार ने ऐसे लोगों को शासकीय कब्जे की जमीन का पट्टा व मालिकाना हक देने के लिए राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत का कबीज जमीन का भू-भाटक टैक्स अदाकर पट्टा मालिकाना हक देने की योजना बनाई है.
  • 800 वर्ग फुट तक की जमीन का पट्टा मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
  • नगर पंचायत के लोगों को 5 रुपए प्रति वर्ग फुट और नगरपालिका क्षेत्र के लोगों को 10 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर से पैसा देने का प्रवाधान है. ऐसे में गाइडलाइन के अनुसार 100 प्रतिशत और 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर देने पर मालिकाना हक देने का प्रावधान है.
  • 800 से ज्यादा अतिक्रमण करने वाले को गाइडलाइन के 152 प्रतिशत राशि देने पर व्यवस्थापन स्थान देने का प्रावधान है.
  • तहसीलदार ने 619 लोगों को पट्टा मालिकाना हक के लिए और 696 लोगों को अतिक्रमण के लिए 30 हजार से लेकर 12 लाख रुपए तक का नोटिस दिया है.
Intro:एंकर- नगरी क्षेत्र के शासकीय भूमि पर वर्षों से कब्जा कर आशियाना बनाकर रहने वाले लोगों के लिए शासन द्वारा पट्टा देने की स्कीम ने लोगों की रातों की नींद हराम कर दी है जी हां ऐसा ही मामला महासमुंद जिले में सामने आया है महासमुंद के नगरी क्षेत्र के शासकीय जमीन पर कब्जा धारी सैकड़ों लोगों को तहसीलदार ने पटावा मालिकाना हक देने के लिए लोगों को लाखों रुपए पटाने की नोटिस दे दिया है जिससे उनकी रातों की नींद हराम हो गई है नोटिस मिलने के बाद मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले लोगों को यह चिंता सता रही है कि ₹300 मजदूरी कमा कर अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाते हैं ऐसे में लाखों रुपए कहां से पट आएंगे वहीं आला अधिकारी नियमों की दुहाई दे रहे हैं।


Body:वीओ 1- महासमुंद नगर पालिका क्षेत्र में शासकीय जमीन पर वर्षों से सैकड़ों लोगों ने कब्जा कर आशियाना बनाकर रहते आ रहे हैं वर्तमान सरकार ने ऐसे लोगों को शासकीय कब्जे की जमीन का पट्टा वा मालिकाना हक देने के लिए राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत का कबीज जमीन का भू भाटा टैक्स अदा कर पट्टा मालिकाना हक देने की योजना बनाई है जिसके तहत 800 वर्ग फुट तक के जमीन का पट्टा मालिकाना हक देने का प्रावधान है जिसके अंतर्गत नगर पंचायत के लोगों को ₹5 प्रति वर्ग फुट व नगरपालिका क्षेत्र के लोगों को ₹10 प्रति वर्ग फुट की दर से पैसा देने एवं गाइड लाइन से 100% व 2% अतिरिक्त देने पर मालिकाना हक देने का प्रावधान है इसी प्रकार 800 से ज्यादा अतिक्रमण करने वाले को गाइडलाइन के 152 प्रतिशत राशि देने पर व्यवस्थापन स्थान देने का प्रावधान है इसी कड़ी में तहसीलदार ने 619 लोगों को पट्टा मालिकाना हक के लिए एवं 696 लोगों को अतिक्रमण के लिए ₹30हजार से लेकर ₹12लाख तक का नोटिस थमा दिया है जिसमें कब्जा धारी की मुसीबत बढ़ गई है लोगों का कहना है कि मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करें या लाखों रुपए कहां से आएंगे सरकार हमारी नहीं सुनेगी तो हम आंदोलन करेंगे।


Conclusion:वीओ 2- पूरे मामले में आला अधिकारी जागरूकता की कमी बताते हुए नियम की दुहाई दे रहे हैं।

वीओ 3- गौरतलब है कि शासन का योजना शुरू करने से पहले लोगों को योजना के संदर्भ में जागरूक करना था पर लोगों को बिना बताए नोटिस दे देना नागरिकों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है बरहाल लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें।

बाइट 1 - सरस्वती पांडे नागरिक पहचान हरा और लाल साड़ी माथे में बिंदी।

बाइट 2 - जमा बाई यादव नागरिक पहचान क्रीम कलर का साड़ी और माथे में बिंदी और सर में सिंदूर।

बाइट 3 - सुनील चंद्रवंशी एसडीएम महासमुंद पहचान चश्मा लगाया हुआ और पीले कलर का फुल शर्ट पहना हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद
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