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आबकारी राजस्व नुकसान मामले में महासमुंद छत्तीसगढ़ में पहले नंबर पर - अछोला में ढ़ाई करोड़ का गबन

शराब बिक्री करने वाली प्लेसमेंट कंपनी सरकार को करोड़ों की चपत लगा रही है. ये कंपनी अब तक सरकार को 14 करोड़ रुपए की चपत लगा चुकी है. हैरानी की बात तो ये है कि सरकार के पास इस कंपनी की वसूली की जानकारी नहीं है.

शराब बिक्री
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Published : Nov 9, 2019, 11:55 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 12:11 AM IST

महासमुंद : अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए सरकार प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए छत्तीसगढ़ में शराब बेच रही है. शराब के निजीकरण और ठेका प्रथा को खत्म करने के लिए सरकार ने शराब दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी पूरे प्रदेश में अलग-अलग प्लेसमेंट कंपनियों को दे रखी है, लेकिन यही कंपनी अब सरकार को करोड़ों रुपए का चपत लगा रही है. महासमुंद जिले में इगल हंटर कंपनी ने सरकार को 14 करोड़ रुपए का चपत लगाया है.

आबकारी राजस्व नुकसान

आरोप है कि देशी और विदेशी सरकारी शराब दुकानों का संचालन करने वाली इगल हंटर प्लेसमेंट कंपनी ने सरकार को बीते सत्र में शराब के नाम पर बड़ा चपत लगाया है. कंपनी के सुपरवाइजर, सेल्समैन और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर जिले के अलग-अलग दुकानों से शराब की रिकवरी में बड़ा गोलमाल किया है. कही शराब चोरी के नाम पर तो कही बैंक में जमा होने वाले कैश में हेराफेरी कर तो कहीं स्टाक रजिस्टर में गड़बड़ी कर कंपनी के कर्मचारियों ने अलग-अलग मामलों में सरकार को 14 करोड़ रुपए का चपत लगाया है.

आबकारी अधिकारी को किया था निलंबित

एक बड़े मामले में 10 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का मामला सामने आया था,जिसकी जांच उच्च स्तर पर कमेटी गठित कर की जा रही है. इस मामले में महासमुंद के पूर्व आबकारी अधिकारी पर इसका ठिकरा फोड़ा गया था और आबकारी अधिकारी प्रवीण वर्मा को विलंबित कर दिया गया था. बावजूद इसके लागातार कंपनी की लापरवाही जारी रही कंपनी ने अप्रैल 2018 से जून 2019 तक डब्लूएसडी स्लीप में गड़बड़ी कर पहले 10 करोड़ से भी ज्यादा की राशि का गबन किया. जिसके बाद जुलाई से सितम्बर के ऑडिट में कंपनी से करीब डेढ़ करोड़ की रिकवरी विभाग ने निकाली थी.

अछोला में ढ़ाई करोड़ का गबन

कंपनी के ऑडिट में सरकारी शराब दुकान अछोला में हाल ही में भौतिक सत्यापन के दौरान ढ़ाई करोड़ रूपये के गबन का मामला सामने आया है. विभाग ने जिले के शराब दुकानों में हुई गड़बड़ी के मामले को लेकर एक कॉमन एफआईआर कोतवाली थाने में तो दूसरा अछोला दुकान में गड़बड़ी को लेकर थाना तुमगांव में दर्ज कराया है. साथ ही कंपनी से वसूली के लिए विभाग के अधिकारी उच्च स्तर पर अवगत कराने की बात कर रहे है, लेकिन कंपनी से वसूली हुई या नहीं हुई इसकी कोई जानकारी विभाग को नहीं है. कंपनी का टेंडर सितम्बर में समाप्त हो गया और अक्टूबर से अलर्ट कमांडो कंपनी ने जिले के 33 दुकानों के संचालन का जिम्मा संभाल लिया है.

महासमुंद : अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए सरकार प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए छत्तीसगढ़ में शराब बेच रही है. शराब के निजीकरण और ठेका प्रथा को खत्म करने के लिए सरकार ने शराब दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी पूरे प्रदेश में अलग-अलग प्लेसमेंट कंपनियों को दे रखी है, लेकिन यही कंपनी अब सरकार को करोड़ों रुपए का चपत लगा रही है. महासमुंद जिले में इगल हंटर कंपनी ने सरकार को 14 करोड़ रुपए का चपत लगाया है.

आबकारी राजस्व नुकसान

आरोप है कि देशी और विदेशी सरकारी शराब दुकानों का संचालन करने वाली इगल हंटर प्लेसमेंट कंपनी ने सरकार को बीते सत्र में शराब के नाम पर बड़ा चपत लगाया है. कंपनी के सुपरवाइजर, सेल्समैन और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर जिले के अलग-अलग दुकानों से शराब की रिकवरी में बड़ा गोलमाल किया है. कही शराब चोरी के नाम पर तो कही बैंक में जमा होने वाले कैश में हेराफेरी कर तो कहीं स्टाक रजिस्टर में गड़बड़ी कर कंपनी के कर्मचारियों ने अलग-अलग मामलों में सरकार को 14 करोड़ रुपए का चपत लगाया है.

आबकारी अधिकारी को किया था निलंबित

एक बड़े मामले में 10 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का मामला सामने आया था,जिसकी जांच उच्च स्तर पर कमेटी गठित कर की जा रही है. इस मामले में महासमुंद के पूर्व आबकारी अधिकारी पर इसका ठिकरा फोड़ा गया था और आबकारी अधिकारी प्रवीण वर्मा को विलंबित कर दिया गया था. बावजूद इसके लागातार कंपनी की लापरवाही जारी रही कंपनी ने अप्रैल 2018 से जून 2019 तक डब्लूएसडी स्लीप में गड़बड़ी कर पहले 10 करोड़ से भी ज्यादा की राशि का गबन किया. जिसके बाद जुलाई से सितम्बर के ऑडिट में कंपनी से करीब डेढ़ करोड़ की रिकवरी विभाग ने निकाली थी.

अछोला में ढ़ाई करोड़ का गबन

कंपनी के ऑडिट में सरकारी शराब दुकान अछोला में हाल ही में भौतिक सत्यापन के दौरान ढ़ाई करोड़ रूपये के गबन का मामला सामने आया है. विभाग ने जिले के शराब दुकानों में हुई गड़बड़ी के मामले को लेकर एक कॉमन एफआईआर कोतवाली थाने में तो दूसरा अछोला दुकान में गड़बड़ी को लेकर थाना तुमगांव में दर्ज कराया है. साथ ही कंपनी से वसूली के लिए विभाग के अधिकारी उच्च स्तर पर अवगत कराने की बात कर रहे है, लेकिन कंपनी से वसूली हुई या नहीं हुई इसकी कोई जानकारी विभाग को नहीं है. कंपनी का टेंडर सितम्बर में समाप्त हो गया और अक्टूबर से अलर्ट कमांडो कंपनी ने जिले के 33 दुकानों के संचालन का जिम्मा संभाल लिया है.

Intro:एंकर . अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए सरकार स्वयं प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में शराब बेच रही है शराब के निजीकरण और ठेका प्रथा को खत्म करने के साथ.साथ राजस्व को बढ़ाने के लिए सरकार ने शराब दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी पूरे प्रदेश में अलग.अलग प्लेसमेंट कंपनियों को दे रखी है लेकिन यही कंपनी अब सरकार को करोड़ों रूपये का चपत लगा रही है अकेले महासमुंद जिले में इगल हंटर कंपनी ने सरकार को 14 करोड़ का चपत लगाया है जिसकी वसूली की जिम्मेदारी विभाग की तो है लेकिन मजेदार बात यह है कि कंपनी से कितनी वसूली हुई या नहीं हुई इसका डाटा विभाग के पास है ही नहीं ये रिपोर्ट देखिये

पंच वीओ . शराब के नाम पर सरकार को चपत
महासमुंद जिले में प्लेसमेंट कंपनी ने लगाया चपत
इगल हंटर कंपनी ने सत्र 2018.19 में लगाया चपत
सरकार को अकेले महासमुंद जिले में 14 करोड़ का नुकसान
आबकारी के राजस्व नुकसान मामले में महासमुंद प्रदेश में पहले नंबर पर
कंपनी से वसूली का विभाग के पास नहीं है डाटा
उच्च स्तर पर चल रहा आबकारी विभाग में बड़ा खेल


Body:वीओ 01 . महासमुंद जिले में देशी और विदेशी सरकारी शराब दुकानों का संचालन करने वाली इगल हंटर प्लेसमेंट कंपनी ने सरकार को बीते सत्र में शराब के नाम पर बड़ा चपत लगाया है कंपनी के सुपरवाइजरए सेल्समैन और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर जिले के अलग.अलग दुकानों से शराब की रिकवरी में बड़ा गोलमाल किया है कही चोरी के नाम परए तो कहीं बैंक में जमा होने वाले कैश में हेराफेरी करए तो कही स्टाक रजिस्टर में गड़बड़ी कर कंपनी के कर्मचारियों ने अलग.अलग मामलों में सरकार को 14 करोड़ का चपत लगाया है जिसमें से एक बड़े मामले में 10 करोड़ की गड़बड़ी कर्मचारियों के द्वारा सामने आई थी जिसकी जांच उच्च स्तर पर कमेटी गठित कर की जा रही है इस मामले में महासमुंद के पूर्व आबकारी अधिकारी पर इसका ठिकरा फोड़ा गया था और लापरवाही बरते की बात पर आबकारी अधिकारी प्रवीण वर्मा को विलंबित कर दिया गया था बावजूद इसके लागातार कंपनी की लापरवाही जारी रही कंपनी ने अप्रैल 18 से जून 19 तक डब्लूएसडी स्लीप में गड़बड़ी कर पहले 10 करोड़ से भी अधिक की राशि का गबन किया जिसके बाद जुलाई से सितम्बर के ऑडिट में कंपनी से करीब डेढ़ करोड़ की रिकवरी विभाग द्वारा निकाली गई इसी बीच कंपनी के ऑडिट में सरकारी शराब दुकान अछोला में हालही में भौतिक सत्यापन के दौरान ढ़ाई करोड़ रूपये के गबन का मामला सामने आया है विभाग ने जिले के शराब दुकानों में हुई गड़बड़ी के मामले को लेकर एक कॉमन एफआईआर कोतवाली थाने में तो दूसरा अछोला दुकान में गड़बड़ी को लेकर थाना तुमगांव में दर्ज कराया है साथ ही कंपनी से वसूली के लिए विभाग के अधिकारी उच्च स्तर पर अवगत कराने की बात कर रहे है लेकिन कंपनी से वसूली हुई या नहीं हुई इसकी कोई जानकारी विभाग को नहीं कंपनी का टेंडर सितम्बर माह में समाप्त हो गया और अक्टूबर माह से अलर्ट कमांडो नामक कंपनी ने जिले के 33 दुकानों के संचालन का जिम्मा संभाल लिया है


वीओ 02 . जिले में प्लेसमेंट कंपनी द्वारा शराब के नाम पर सरकार को चपत लगाने का प्रदेश का पहला बड़ा मामला है जिसे लेकर भाजपा कांग्रेस के बीच राजनीति शुरू हो गई है भाजपा नेता और पूर्व महासमुंद विधायक रहे विमल चोपड़ा ने मामले को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि इसमें सरकार और कंपनी की मिली भगत है उपर से लेकर नीचे तक शराब का खेल चलता है शराब का राजस्व सरकार के कोस में नहीं नेताओं के जेब में जा रहा है विमल चोपड़ा ने पूर्ण शराब बंदी की बात करते हुए कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र के इस वादे को पूरा करे ताकि ना रहे बांस और न बाजे बासूरी इधर पूर्व विधायक के बयानों पर स्थानीय कांग्रेस विधायक विनोद चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगी है साथ ही राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है रिकवरी को लेकर अधिकारियों से चर्चा की हई है और हर हाल में कंपनी से रिकवरी की जायेगी इसके अलावा विधायक ने पूर्व विधायक के आरोपों पर कहा कि कंपनी कांग्रेस के सरकार के आने के पहले से काम कर रही है जो की भाजपा की कंपनी थी जिससे रिकवरी होकर रहेगीConclusion:वीओ 03 . गौरतलब है कि महासमुंद जिले में आबकारी में हुआ यह घपला प्रदेश का सबसे बड़ा घपला है अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए सरकार स्वयं प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में शराब बेच रही है ताकि सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेए लेकिल शराब दुकानों का संचालन करने वाली ये प्लेसमेंट कंपनी सरकार के मनसूबों पर पानी फेर रही है साथ ही उच्च स्तर पर पूरी जानकारी होने के बाद भी कंपनी से कितनी वसूली हुई या नहीं हुई इसका डाटा विभाग के पास नहीं होना भी कई सवालों को जन्म देता है

बाइट 01 . मंजूश्री केसर;जिला आबकारी अधिकारी महासमुंदद्ध
बाइट 02 . वेदमौर सिरमौर;अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महासमुंदद्ध
बाइट 03 . डॉ विमल चोपड़ा;पूर्व विधायक महासमुंदद्ध
बाइट 04 . विनोद चंद्राकर;विधायक महासमुंदद्ध

Hakiuddin Nasir Repoter ETV Bharat Mahasamund Chhattisghar Mo. 9826555052

Last Updated : Nov 10, 2019, 12:11 AM IST
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