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महासमुंद : नसबंदी कर मरीजों को अस्पताल के बरामदे में लेटाया, गर्मी से लोगों का जीना मुहाल

महासमुंद में इन दिनों अव्यवस्था का आलम यह है कि नसबंदी के मरीजों को अस्पताल में रखने के लिए कमरे नहीं हैं. लिहाजा अस्पताल प्रबंधन नसबंदी के मरीजों का ऑपरेशन करके अस्पताल के बरामदे में बेड लगाकर वहीं भर्ती कर ले रहे हैं.

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Published : Jul 11, 2019, 11:39 PM IST

महासमुंद: जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन को लेकर अव्यवस्था का आलम देखने को मिला है. नसबंदी के मरीजों को अस्पताल में रखने के लिए कमरे नहीं हैं, लिहाजा अस्पताल प्रबंधन नसबंदी के मरीजों का ऑपरेशन करके अस्पताल के बरामदे में बेड़ लगाकर लेटा दे रहा है.

नसबंदी कर मरीजों को अस्पताल के बरामदे में लेटाया, गर्मी से लोगों का जीना मुहाल

बरामदे में पंखे तो लगे हैं पर चलते नहीं हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. गर्मी से निजात पाने मरीजों के परिजन हाथ में कपड़ा लेकर हिला रहे हैं. बरसात के मौसम में मक्खियां अस्पताल में मंडरा रही हैं.

यह 100 बिस्तरों का अस्पताल है. यहां 168 मरीज भर्ती हैं. अप्रैल 2019 से लेकर अभी तक 331 नसबंदी हुई है. एक दिन में 20 नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं. मरीज के परिजन अस्पताल में अव्यवस्था होने के साथ ही पंखा नहीं चलने की बात कह रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रबंधन अपना ही राग अलाप रहा है.

महासमुंद: जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन को लेकर अव्यवस्था का आलम देखने को मिला है. नसबंदी के मरीजों को अस्पताल में रखने के लिए कमरे नहीं हैं, लिहाजा अस्पताल प्रबंधन नसबंदी के मरीजों का ऑपरेशन करके अस्पताल के बरामदे में बेड़ लगाकर लेटा दे रहा है.

नसबंदी कर मरीजों को अस्पताल के बरामदे में लेटाया, गर्मी से लोगों का जीना मुहाल

बरामदे में पंखे तो लगे हैं पर चलते नहीं हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. गर्मी से निजात पाने मरीजों के परिजन हाथ में कपड़ा लेकर हिला रहे हैं. बरसात के मौसम में मक्खियां अस्पताल में मंडरा रही हैं.

यह 100 बिस्तरों का अस्पताल है. यहां 168 मरीज भर्ती हैं. अप्रैल 2019 से लेकर अभी तक 331 नसबंदी हुई है. एक दिन में 20 नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं. मरीज के परिजन अस्पताल में अव्यवस्था होने के साथ ही पंखा नहीं चलने की बात कह रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रबंधन अपना ही राग अलाप रहा है.

Intro:एंकर- महासमुंद जिला अस्पताल में इन दिनों अव्यवस्था का आलम है एक ताजा मामला नसबंदी ऑपरेशन में सामने आया है नसबंदी के मरीजों को अस्पताल में रखने के लिए कमरे नहीं है लिहाजा अस्पताल प्रबंधन नसबंदी के मरीजों का आपरेशन करके अस्पताल के बरामदे में बेड लगा कर वही भर्ती कर ले रहे हैं।



Body:बरामदे में पंखे तो लगे हैं पर चलते नहीं हैं चारों तरफ गंदगी का पसरी हुई है जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है गर्मी से निजात पाने के लिए मरीज के परिजन हाथ में कपड़ा लेकर हिला रहे हैं बरसात के मौसम में मक्खियां अस्पताल में मंडरा रही है आपको बता दें कि महासमुंद अस्पताल 100 बिस्तर का अस्पताल है यहां 168 मरीज भर्ती हैं नसबंदी ऑपरेशन की बात करें तो अप्रैल 2019 से लेकर अभी तक 331 नसबंदी के ऑपरेशन हुए हैं।



Conclusion:1 दिन 20 नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं मरीज के परिजनों का अस्पताल में अव्यवस्था होने के साथ पंखा नहीं चलने की बात कह रहे हैं वहां अस्पताल प्रबंधन अपना ही राग अलाप रहा है।

बाइट 1 - शियामा बाई ग्राम नवापारा, पहचान - लाल साड़ी काला ब्लाउज सर में बिंदी और सिंदूर भरा हुआ।

बाइट 2 - हरिचरण सराईपाली पहचान नीले कलर का डब्बा वाला शर्ट।

बाइट 3 - डॉक्टर आरके पर दल जिला अस्पताल अधीक्षक महासमुंद, पहचान सी का कत्था कलर में लाइनिंग वाला शर्ट चश्मा लगाया हुआ हाथ में घड़ी पहना हुआ और कुर्सी में बैठा हुआ व्यक्ति।

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
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