महासमुंद: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. महासमुंद जिले के तकरीबन 55 हजार किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से वंचित हैं. किसानों का कहना है कि सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा-लगाकर वह थक गए हैं. जिले के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी किसानों की हक की बात नहीं कर रहे हैं, जिससे वह बेहद परेशान हैं. किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलने से जिम्मेदारों को कोस रहे हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को मदद पहुंचाना था, लेकिन किसानों को मदद की बात तो दूर है. महासमुंद के किसानों को सिर्फ परेशानी ही हाथ लगी है. कृषि विभाग के मुताबिक महासमुंद जिले 1 लाख 66 हजार 911 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 1 लाख 11 हजार 797 किसानों को पहली किस्त मिली है, लेकिन आजतक दूसरी किश्त नहीं मिली है. वहीं जिले के 55 हजार 114 किसान आज भी 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के इंतजार में हैं.
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जनप्रतिनिधि और प्रशासन ने किया अनसुना
किसानों का कहना है कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के लाभ के लिए पटवारी कार्यालय से लेकर बैंकों तक का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन इन किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. किसानों का कहना है कि पटवारी और बैंक वाले कभी आधार नंबर लिंक नहीं होने की बात कह रहे हैं, तो कभी एकांउट नंबर सही नहीं होने की बात कह कर भगा देते हैं. सालभर से ज्यादा हो गया, लेकिन अब तक न जनप्रतिनिधि ने इसपर कोई सुनवाई की है न ही प्रशासन ने कार्रवाई की है.
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योजना का लाभ किसानों को दिलाया जाएगा
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' मामले में जब योजना के नोडल अधिकारी से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि अभी तीन दिन पहले ही उन्हें इसकी आईडी और पासवर्ड मिला है. अब जो भी कमी होगी, उसे जल्द दूर कर योजना का लाभ किसानों को दिलाया जाएगा.