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SPECIAL: किसानों की मेहनत पर कोरोना का कहर, मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे फल

फलों की खेती करने वाले किसानों को इस साल भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. मौसम की मार और लॉकडाउन की वजह से किसानों को फल बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण इनके सामने अब आर्थिक तंगी की समस्या खड़ी हो गई है.

farmers unable to sell fruits
किसानों की मेहनत पर कोरोना का असर
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Published : Apr 16, 2020, 10:58 PM IST

महासमुंद: कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन कर दिया गया है. जिसका असर हर तरफ देखने को मिल रहा है. महासमुंद में बहने वाली महानदी में किसान सालों से फलों की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन ने इनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है. किसानों के उगाए हुए तरबूज, कलिंदर और खीरे बाड़ी में ही पड़े सड़ रहे हैं.

किसानों की मेहनत पर कोरोना का असर

यहां के फलों की मांग महासमुंद में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी है. साथ ही देश-विदेश में इसकी मांग है. यहां से यह तरबूज राज्य के दूसरे जिलों के साथ-साथ देश बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में जाता है. साथ ही अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी इन फलों की डिमांड रहती है.

farmers unable to sell fruits
किसानों के उगाए खरबूज

मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे फल

मौसम की मार के साथ लॉकडाउन ने भी इन फलों की बिक्री पर रोक लगा दी है. किसी तरह का साधन नहीं होने से ये फल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. नतीजन सारे फल बाड़ियों में ही पड़े-पड़ सड़ रहे हैं.

किसानों को नुकसान

फलों की बिक्री न होने से किसानों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है. इस महानदी के तट पर लगभग 80 एकड़ रकबे में खेती होती है. किसानों की माने तो हर साल 1 करोड़ 25 लाख का बिजनेस होता है. लेकिन इस बार मौसम और करोना की मार से इन किसानों की स्थिति बड़ी ही दुखदाई हो गई है. बता दें कि इस नदी से घोड़ारी, बेलसोंडा, मुरैना, बरबसपुर ,नांदगांव गांव के किसानों का जीवन यापन होता है. यह गर्मी के शुरुआत में ही लगभग 1 लाख से अधिक का तरबूज ,खरबूजा बेच डालते थे. अब अप्रैल खत्म होने का है और ये अब तक महज 10 हजार का का फल बेच पाए हैं.

farmers unable to sell fruits
फलों की खेती

सरकार से मदद की मांग

इन गरीब किसानों की सरकार से गुजारिश है, कि सरकार इनकी मदद करें. जो नुकसान इन्हें हुआ है उसकी, भरपाई सरकार करे. किसान शासन-प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं.

महासमुंद: कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन कर दिया गया है. जिसका असर हर तरफ देखने को मिल रहा है. महासमुंद में बहने वाली महानदी में किसान सालों से फलों की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन ने इनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है. किसानों के उगाए हुए तरबूज, कलिंदर और खीरे बाड़ी में ही पड़े सड़ रहे हैं.

किसानों की मेहनत पर कोरोना का असर

यहां के फलों की मांग महासमुंद में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी है. साथ ही देश-विदेश में इसकी मांग है. यहां से यह तरबूज राज्य के दूसरे जिलों के साथ-साथ देश बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में जाता है. साथ ही अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी इन फलों की डिमांड रहती है.

farmers unable to sell fruits
किसानों के उगाए खरबूज

मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे फल

मौसम की मार के साथ लॉकडाउन ने भी इन फलों की बिक्री पर रोक लगा दी है. किसी तरह का साधन नहीं होने से ये फल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. नतीजन सारे फल बाड़ियों में ही पड़े-पड़ सड़ रहे हैं.

किसानों को नुकसान

फलों की बिक्री न होने से किसानों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है. इस महानदी के तट पर लगभग 80 एकड़ रकबे में खेती होती है. किसानों की माने तो हर साल 1 करोड़ 25 लाख का बिजनेस होता है. लेकिन इस बार मौसम और करोना की मार से इन किसानों की स्थिति बड़ी ही दुखदाई हो गई है. बता दें कि इस नदी से घोड़ारी, बेलसोंडा, मुरैना, बरबसपुर ,नांदगांव गांव के किसानों का जीवन यापन होता है. यह गर्मी के शुरुआत में ही लगभग 1 लाख से अधिक का तरबूज ,खरबूजा बेच डालते थे. अब अप्रैल खत्म होने का है और ये अब तक महज 10 हजार का का फल बेच पाए हैं.

farmers unable to sell fruits
फलों की खेती

सरकार से मदद की मांग

इन गरीब किसानों की सरकार से गुजारिश है, कि सरकार इनकी मदद करें. जो नुकसान इन्हें हुआ है उसकी, भरपाई सरकार करे. किसान शासन-प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं.

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