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धान खरीदी को लेकर सरकारी नियमों से किसान परेशान, आंदोलन की तैयारी

जिले के किसान धान खरीदी को लेकर सरकार के फैसले से परेशान है. व्यवस्था नहीं सुधरने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

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Published : Dec 8, 2019, 5:16 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 8:05 PM IST

farmers facing problem in paddy purchase in mahasamund
जिले के किसान परेशान

महासमुंद : धान खरीदी को लेकर सरकारी फरमान से महासमुंद जिले के किसान परेशान हैं. 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. किसान अपनी फसल बेचने धान केंद्रों में पहुंच रहे हैं. लेकिन सरकारी नियमों ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है.

आंदोलन की तैयारी में किसान

जिले के खट्टी में किसान सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए है. जहां धान खरीदी प्रभावित होने की वजह से किसान अब आंदोलन की तैयारी में है.

दरअसल, पहले जिले के सभी धान खरीदी केंद्र में रोजाना किसानों का 3,500 कट्टा धान धान खरीदी करना था. जिसे घटाकर जिला विपणन अधिकारी ने रोजाना 3,000 कट्टा खरीदी करने का फरमान जारी किया. इसके बाद फिर घटाकर 2,700 कट्टा कर दिया गया है.

परेशान हैं किसान

अब टोकन कटवा चुके किसान तौल होने के बाद अपना धान, केंद्र में ही रखने को मजबूर हैं. जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. या फिर किसानों को धान वापस लेकर लौटना पड़ रहा है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

पढ़ें :धान बेचने जा रहे किसान पर गजराज का हमला, बाल-बाल बची किसान की जान

किसान कर रहे आंदोलन की तैयारी

किसानों का कहना है कि ऐसे फरमान से किसानों का काफी नुकसान होगा. वह सही समय पर ध्यान नहीं बेच पाएंगे. व्यवस्था नहीं सुधरती है तो किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

पढ़ें :महासमुंद: धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं कटने से किसान परेशान

'व्यवस्था को देखते हुए लिया गया फैसला'

अधिकारी का कहना है कि अनुपातिक खरीदी का फैसला जिले की सभी व्यवस्था को देखते हुए लिया गया है. इस नियम के तहत धान खरीदी समय से पहले हो जाएगी. सारी व्यवस्था को देखते हुए समानुपातिक टोकन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

महासमुंद : धान खरीदी को लेकर सरकारी फरमान से महासमुंद जिले के किसान परेशान हैं. 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. किसान अपनी फसल बेचने धान केंद्रों में पहुंच रहे हैं. लेकिन सरकारी नियमों ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है.

आंदोलन की तैयारी में किसान

जिले के खट्टी में किसान सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए है. जहां धान खरीदी प्रभावित होने की वजह से किसान अब आंदोलन की तैयारी में है.

दरअसल, पहले जिले के सभी धान खरीदी केंद्र में रोजाना किसानों का 3,500 कट्टा धान धान खरीदी करना था. जिसे घटाकर जिला विपणन अधिकारी ने रोजाना 3,000 कट्टा खरीदी करने का फरमान जारी किया. इसके बाद फिर घटाकर 2,700 कट्टा कर दिया गया है.

परेशान हैं किसान

अब टोकन कटवा चुके किसान तौल होने के बाद अपना धान, केंद्र में ही रखने को मजबूर हैं. जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. या फिर किसानों को धान वापस लेकर लौटना पड़ रहा है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

पढ़ें :धान बेचने जा रहे किसान पर गजराज का हमला, बाल-बाल बची किसान की जान

किसान कर रहे आंदोलन की तैयारी

किसानों का कहना है कि ऐसे फरमान से किसानों का काफी नुकसान होगा. वह सही समय पर ध्यान नहीं बेच पाएंगे. व्यवस्था नहीं सुधरती है तो किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

पढ़ें :महासमुंद: धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं कटने से किसान परेशान

'व्यवस्था को देखते हुए लिया गया फैसला'

अधिकारी का कहना है कि अनुपातिक खरीदी का फैसला जिले की सभी व्यवस्था को देखते हुए लिया गया है. इस नियम के तहत धान खरीदी समय से पहले हो जाएगी. सारी व्यवस्था को देखते हुए समानुपातिक टोकन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:एंकर - धान खरीदी को लेकर इन दिनों महासमुंद जिले के किसान सरकारी फरमान से परेशान हैं 1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं और अपने-अपने समितियों के खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन रोजाना अलग-अलग लागू होने वाले सरकारी फरमान ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है जिसे लेकर अब किसान भी लामबंद हो गए हैं ताजा मामला महासमुंद के खट्टी में सामने आया है जहां पर खरीदी प्रभावित होने के कारण किसान अब आंदोलन की तैयारी में है।


Body:वीओ 1 - दरअसल धान खरीदी को लेकर पहले जिले के प्रत्येक खरीदी केंद्र में रोजाना किसानों का 35100 कट्टा धान यानी कि 100040 कुंटल धान खरीदी करना था जिसे घटाकर जिला विपणन अधिकारी ने रोजाना 3000 कटक खरीदी करने का फरमान जारी किया जिसे बाद में घटाकर 27100 कर दिया गया अब ऐसे में टोकन कटवा चुके किसान अपना धान या तो ताल होने के बाद केंद्र में ही रखने को मजबूर हैं जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं या फिर किसानों को धान वापस लेकर लौटना पड़ रहा है जिसे लेकर किसान आक्रोशित हैं किसान की मानें तो ऐसा फरमान से किसानों का काफी नुकसान होगा वह सही समय पर ध्यान नहीं बेच पाएंगे व्यवस्था नहीं सुधरने पर जहां किसान आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं तो वही अधिकारी अपने इस फरमान के पीछे अनुपातिक खरीदी का बहाना बता रहे हैं और ऐसे खरीदी के समय से पहले हो जाने की बात कर रहे हैं साथ ही उनका यह भी कहना है कि यदि लगेगा कि किसानों का धान रखने के आधार पर कम आ रहा है तो खरीदी का दायरा बढ़ा दिया जाएगा।


Conclusion:वीओ 2 - आपको बता दें कि महासमुंद जिले में 81 सोसायटी ओं के माध्यम से 127 धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदा जा रहा है जहां कुल मिलाकर अब तक 19000 किसानों से 900000 कुंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। बाइट 1 - सोहन लाल साहू किसान खट्टी पहचान नीले कलर में लाइनिंग वाला फुल शर्ट। बाइट 2 - गोविंद राम साहू किसान खट्टी पहचान नीला और गुलाबी कलर का शर्ट माथे में टीका और संतरे कलर का गमछा लटकाया हुआ। बाइट 3 - उल्लास गिरी गोस्वामी किसान लाभराकला पहचान क्रीम कलर में लाइनिंग वाला हाफ शर्ट। बाइट 4 - संतोष कुमार पाठक जिला विपणन अधिकारी महासमुंद पहचान नीले कलर का फुल शर्ट। हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Dec 8, 2019, 8:05 PM IST
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