रायगढ़: किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का जिले में बंटाधार हो रहा है. फर्जी किसान और अधिकारियों की लापरवाही से मूल किसान को इस योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है, जबकि फर्जी और अपात्र किसान इस योजना का फायदा उठा रहे हैं.
जिले में करीब 2 लाख 10 हजार मूल किसान हैं, लेकिन कुछ ब्लॉक ऐसे हैं जहां पर जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है. जिसमें पुसौर और सारंगढ़ ब्लॉक में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं. विपक्ष का आरोप है कि जिले में जितने किसानों को फायदा नहीं मिला है, उससे ज्यादा ऐसे फर्जी किसान हैं, जिन्हें इसका फायदा मिल रहा है.
महासमुंद: नहीं मिला 'पीएम किसान सम्मान निधि' का लाभ, 55 हजार अन्नदाता परेशान
कार्रवाई का आश्वासन
आंकड़ों की बात करें, तो सारंगढ़ में करीब 2 हजार 500 और पुसौर ब्लॉक में करीब 16 हजार फर्जी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत राशि मिली है. फिलहाल अब अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं. साथ ही जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है.
महासमुंद में भी किसान परेशान
महासमुंद जिले में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं. बीते महीने ऐसा ही एक मामला आया था, जहां जिले के करीब 55 हजार किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से वंचित पाए गए हैं. किसानों का कहना है कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर वह थक गए हैं. जिले के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी किसानों की हक की बात नहीं कर रहे हैं.