महासमुंद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल भारत बनाने का सपना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में साकार होता नजर आ रहा है. लॉकडाउन और खासतौर पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ऑनलाइन सर्विस वरदान साबित हो रही है. जिले की ग्राम पंचायतें अब डिजिटल भारत के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जुड़ गई हैं. एक वक्त था जब इन गांव के हजारों ग्रामीणों को छोटे-छोटे काम के दस्तावेज बनवाने के लिए जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब यही गांव डिजिटल हो चुके हैं. लोगों को सीएससी (Common Services Centre) की मदद से कई सारी सुविधा मिल रही है.
जिले के ग्राम पंचायत लाफिन खुर्द में ETV भारत की टीम पहुंची और पड़ताल की कि यहां डिजिटल भारत का सपना कितना साकार हो रहा है. हमने पाया कि गांव में रहने वाले लोग ऑनलाइन काम होने से बेहद खुश हैं. जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र, नक्सा खसरा बी-2 का फॉर्म, टेलिफोन बिल, बिजली बिल सहित कई ऑनलाइन कामों के लिए गांव के लोगों को कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. इसकी वजह से समय तो बर्बाद होता ही था, साथ ही आने-जाने में पैसे भी ज्यादा खर्च होते थे. अब गांव में नेट कनेक्टिविटी होने के बाद सभी काम ग्राम पंचायतों में बने सेंटर्स में ही हो जाते हैं, जिससे ग्रामीण संतुष्ट हैं.
- 2011 की जनगणना के मुताबिक महासमुंद जिले की आबादी 10 लाख 35 हजार है.
- जिले में 5 ब्लॉक हैं, जिनमें महासमुंद, बागबाहरा ,पिथौरा ,बसना ,सरायपाली शामिल हैं.
- 5 ब्लॉकों में 551 ग्राम पंचायत हैं.
इन सभी ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों को कागजात बनाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन प्रधानमंत्री की डिजिटल भारत की सोच ने ग्रामीण इलाकों की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल दी है.
'अशिक्षित ग्रामीणों को मिल रही मदद'
डिजिटल भारत के तहत महासमुंद जिले के दो ब्लॉक महासमुंद और बागबाहरा की ग्राम पंचायतों को शत-प्रतिशत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ दिया गया है. इसे लेकर ग्रामीणों का कहना है कि अब समय के साथ ही उनके पैसों की बचत भी हो रही है. कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि ज्यादातर ग्रामीणों को एक काम के लिए कई दिनों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं. डिजिटल इंडिया के तहत गांव में मिलने वाली सुविधा ऐसे सभी ग्रामीणों के लिए भी वरदान साबित हो रही है. गौरतलब है कि डिजिटल भारत के तहत ग्राम पंचायतों में राशन दुकान, आंगनबाड़ी में रजिस्ट्रेशन और स्कूल की फीस जैसी सुविधा भी ऑनलाइन दी गई है.
जल्द ही होगी नि:शुल्क इंटरनेट की सुविधा
सीएससी जिला समन्वयक श्यामला शर्मा ने बताया कि CSC भारतनेट परियोजना के अंतर्गत महासमुंद में टोटल 551 ग्राम पंचायत हैं. जिसमें से सीएससी को महासमुंद और बागबाहरा ब्लॉक से 96-96 ग्राम पंचायत यानी कुल 192 ग्राम पंचायतों का काम मिला है. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट संबंधी सभी सुविधा प्रदान की जा रही है. उनका कहना है कि आने वाले एक साल तक हर एक ग्राम पंचायत से 5-5 सरकारी कार्यालयों को नि:शुल्क इंटरनेट की सुविधा 10mbps की स्पीड में दी जाएगी.
छत्तीसगढ़ में ऐसे कई वनांचल क्षेत्र हैं, जहां ग्रामीणों को आज भी छोटे-छोटे कामों को लेकर कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इन क्षेत्रों में कई कार्य आज भी अधूरे पड़े हुए हैं. सबसे ज्यादा मुश्किल इस बात की है कि दस्तावेजों के बिना कोई काम आगे नहीं बढ़ता. महासमुंद की ये ग्राम पंचायतें ऐसे क्षेत्रों के लिए मॉडल साबित हो सकती हैं. जिससे सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए काम बोझ नहीं, आसान हो जाएं.