महासमुंद: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार के शराब दुकान खोलने के निर्णय का विरोध किया है. धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार को प्रदेशवासियों के जान-माल की कोई चिंता नहीं है इसलिए सरकार शराब की होम डिलिवरी के लिए डिलीवरी बॉय की नियुक्ति कर रही है. शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार का ये कैसा चरित्र कि वो शराब नहीं पीने वालों को भी शराबी बनाने की कोशिश कर रही है.
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भाजपा नेता शंकर अग्रवाल के निवास में विशेष चर्चा की. कौशिक ने कहा कि विश्व के बाद देश में भी कोरोना महामारी का संकट गहरा गया है. इस संकट से उबरने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक उपाय किये हैं. इसमें एक उपाय लॉकडाउन भी है. लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है. इसके अलावा धारा 144 भी लागू की गई है. इसके तहत कही भी सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने के निर्देश दिये हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार शराब दुकानों को खुलवाकर जिस तरह से सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ा रही हैं. शराब दुकानों में उमड़ी बेतहासा भीड़ इसकी गवाह है कि सरकार स्वयं धारा 144 और सोशल डिस्टनसिंग का उल्लंघन कर रही है. इस सरकारी कदम से कभी भी प्रदेश पर कोरोना का संकट आ सकता है. कौशिक ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.
शराब घर-घर पहुंचाने के लिए सरकार डिलिवरी बॉय की नियुक्त कर रही है. इस वास्तव के जरिए सरकार का ऐसा प्रयास है, जिससे जो लोग शराब नहीं पी रहे उन्हें भी शराब की लत लगेगी, सरकार इस प्रदेश की परंपरा के विपरीत शराब की मार्केटिंग कर रही है.
दुकानदारों के साथ अन्याय का आरोप
प्रदेश सरकार स्थानीय लोगों से अन्याय कर रही है. चिल्लर दुकानदारों को छूट देकर उन्हें सप्ताह में सिर्फ 2 दिन कुछ घंटे के लिए दुकानदारी करने के आदेश दिए गये हैं, जबकि शराब की दुकान प्रतिदिन सुबह से शाम तक खुली रहेंगी. जहां न तो सोशल डिस्टेंस का कोई पालन होता है और न ही धारा 144 का पालन हो रहा है.
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वायदे से मुकरी सरकार
कौशिक ने आरोप लगाया है कि चुनाव से पहले शराबबंदी की घोषणा करने वाली कांग्रेस सरकार, अब अपने वादे से मुकर गई है. वर्तमान में लॉकडाउन के कारण दो महीने से शराब दुकानों के बंद रहने के कारण प्रदेश में खासा सुधार आया था. अपराध थम गये थे, शराब पीने वाले धीरे-धीरे शराब छोड़ने लगे थे. यही सही समय था, जब सरकार अपना वादा पूरा कर शराबबंदी कर सकती थी. प्रदेश की जनता शराब से मुक्ति पाना चाहती थी इसलिए हम भी शराबबंदी के सरकार के निर्णय का स्वागत करते, लेकिन सरकार अपनी कमाई के लिये प्रदेशवासियों को अधिक से अधिक शराब उपलब्ध करवा कर उन्हें शराबी बना कर अपना खजाना भरना चाहती है. ये बात पिछले दो दिनों में प्रदेश में बिकी 70 हजार करोड़ की शराब से साबित हो जाता है.