महासमुंद: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच महासमुंद के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है. यहां ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लगातार लापरवाही बरत रहे थे, जिसकी वजह से यहां कोरोना संक्रमण बढ़ता गया. कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होने बाद अब जाकर ग्रामीण पहले से जागरूक हुए हैं. अब ग्रामीण अपने बचाव के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं.
महासमुंद जिले की आबादी करीब 12 लाख है. जिले में 550 ग्राम पंचायत है. इन्हीं ग्राम पंचायतों में से एक पंचायत है कोसरंगी गांव. जहां की आबादी 1 हजार 739 है. 285 परिवार वाले इस गांव में 1 हजार 284 मतदाता हैं. पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती किसानी है. जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर इस गांव में लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना ने गांव के 78 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया.
वैक्सीनेशन को लेकर भ्रांतियां
बढ़ते कोरोना केस के बाद प्रशासन ने यहां टेस्टिंग शुरू कराई, लेकिन वर्तमान में 15 दिनों में यहां करोना की टेस्टिंग बंद है. टीकाकरण को लेकर भी तरह-तरह की भ्रांतियां यहां फैली हुई है. शासकीय आंकड़ों के मुताबिक 1 हजार 284 मतदाता वाले इस गांव में तीनों चरणों में केवल 60 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है. लोगों का मानना है कि वैक्सीन लगाने के बाद लोगों को बुखार आ जा रहा है और दो-तीन दिन के बाद जांच करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. यहीं कारण है कि लोग अब टीका लगवाने से डर रहे हैं.
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ज्यादातर इलाके प्रभावित
महासमुंद में ज्यादातर ग्रामीण इलाके कोरोना महामारी से प्रभावित हैं. बरहाल कोसरंगी गांव में फिलहाल अभी हालात काबू में है, लेकिन बावजूद इसके भी लोग डरे हुए हैं. यही कारण है कि गांव की सड़कें सूनी नजर आ रही हैं. गांव में बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जिले में 5 हजार से ज्यादा एक्टिव केस
महासमुंद में कोरोना के आंकड़ों की बात करें बुधवार तक जिले में 517 नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई थी. जिले में अब तक कुल 25 हजार 310 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं. बुधवार को 3 हजार 119 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है. अब तक जिले में कुल 261 लोगों की मौत हो चुकी है. अब जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 5 हजार 401 हो गई है.