महासमुंद : नगर सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों का अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया. परिषद के कुल तीस पार्षदों में से एक पार्षद हेमलता यादव ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. उपस्थित 29 पार्षदों में से 20 ने कांग्रेस के पक्ष में अपना मत दिया. छह पार्षदों का मत खारिज हुआ और सिर्फ तीन मत बीजेपी के लिए पड़े. महासमुंद नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा हो गया (Congress captures Mahasamund Municipality) है.
कब हुई वोटिंग : इस सम्मिलन और चुनाव की प्रक्रिया सोमवार सुबह से शुरू हुई. सुबह ठीक 10 बजकर 20 मिनट पर एक बुलेट फ्रुफ कार से उतरकर 20 पार्षदों ने पालिका के अंदर प्रवेश किया. यहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक पार्टी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे. बारह बजे चुनाव शुरू हुआ और साढ़े बारह बजे मतगणना हुई. इसके बाद परिणाम की घोषणा कर दी (BJP defeat in Mahasamund Municipality) गई.
क्यों गई अध्यक्ष की कुर्सी : अविश्वास प्रस्ताव के ज्ञापन में पार्षदों ने कहा कि मौजूदा अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर 2 साल से जनहित के कार्यों की अनदेखी कर रहे( chair of Mahasamund BJP Municipality President is gone) थे.जिससे पार्षदों पर वार्डवासी गुस्सा निकाल रहे हैं. वे परिषद के निर्णय का क्रियान्वयन नहीं करा रहे थे. सामान्य परिषद और प्रेसिडेंट इन काउंसिल के लिए गए संकल्पों को कार्रवाई पंजी में दर्ज नहीं किया जाता था. जिसके बाद आज 4 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर मत डाले गये.
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किसे मिले कितने वोट : अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग में कांग्रेस को 20 मत, बीजेपी को 03 मत मिले हैं.इस प्रकार कांग्रेस सत्ता पलटने मे कामयाब हो (BJP lost on no confidence vote in Mahasamund) गयी. पीठासीन अधिकारी ने इसकी घोषणा की .जीत के बाद कांग्रेस के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई. नगरपालिका अध्यक्ष के संदर्भ मे कांग्रेस के विधायक का कहना है कि '' अध्यक्ष के नाम की घोषणा पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे.वहीं हार का सामना करने वाले बीजेपी के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष का कहना है कि कांग्रेस ने सत्ता और धनबल से ये जीत हासिल की है.