महासमुंद: छत्तीसगढ़ पुलिस में सब इंस्पेक्टर, सूबेदार, प्लाटून कमांडर विशेष शाखा के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं. लगभग 2 साल से भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है. कई अभ्यर्थियों की उम्र समाप्त होने वाली है. इन अभ्यर्थियों के लिए बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक क्षमता को लगातार बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर महासमुंद सहित प्रदेश के 21 जिलों में अभ्यर्थियों ने एसपी और कलेक्टर से शिकायत की है.
7 साल के बाद 23 अगस्त 2018 को छत्तीसगढ़ पुलिस ने विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इंस्पेक्टर, सूबेदार, प्लाटून कमांडर और विशेष शाखा के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया. प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बेरोजगार युवक-युवतियों ने आवेदन किया. महासमुंद जिले में 150 से 200 लोगों ने आवेदन किया. महासमुंद के जो युवाओं ने इसके लिए फॉर्म दिया था, वह पिछले 2 साल से लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं.
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2 साल से जॉब छोड़कर तैयारी में लगे युवक
प्रैक्टिस के दौरान जब कोरोना महामारी का दौर आया और लॉकडाउन हुआ, तो उनको ग्राउंड छोड़ना पड़ा, फिर भी अपने शरीर को बनाए रखने के लिए उन लोगों ने घर में ही प्रैक्टिस जारी रखी. अब स्थिति यह है कि इस वैकेंसी में कुछ ऐसे युवक-युवतियां हैं, जिनकी उम्र निकलने वाली है और इस भर्ती प्रक्रिया का फायदा उन्हें नहीं मिल पाएगा. उसी में कुछ लोग ऐसे हैं, जो पिछले 2 साल से जॉब छोड़कर अपनी तैयारी में लगे हुए हैं, क्योंकि सही तैयारी के बाद ही ये नौकरी हासिल कर सकेंगे. बता दें कि इसमें कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जो किसी न किसी अन्य जॉब में थे, लेकिन पुलिस में जाने के जुनून के कारण उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी, ताकि एग्जाम की तैयारी कर सकें और पुलिस सेवा में आ सकें.
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बीजेपी-कांग्रेस का एक-दूसरे पर आरोप
महासमुंद जिले में बेरोजगारों की बात की जाए, तो अभी लगभग 38 हजार लोग बेरोजगार हैं. बीजेपी के समय निकली वैकेंसी का एग्जाम कांग्रेस काल में भी नहीं लिया जा सका है, जिसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इनके आरोप-प्रत्यारोप के बीच बेरोजगारों का जीवन अधर में अटका हुआ है. वहीं कोरोना महामारी का हवाला देकर आवेदनकर्ताओं को टाल दिया जा रहा है.
शारीरिक और मानसिक रूप से हो रहे परेशान
अभ्यर्थियों का कहना है कि कोरोना जैसी विश्वव्यापी महामारी के बावजूद कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, राजस्थान जैसे राज्यों के पुलिस विभाग में नई भर्ती हो रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में 2 साल से भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे युवा परेशान हैं. वे राज्य सरकार से अपेक्षा रखते हैं कि रुकी भर्ती की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए, ताकि शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से वे नहीं टूट सकें.