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महासमुंद में जर्जर हैं आंगनबाड़ी भवन, बरसात के मौसम में बना रहता है डर

महासमुंद में मौजूद आंगनबाड़ी भवनों की हालत जर्जर हो चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : May 2, 2019, 4:52 PM IST

Updated : May 2, 2019, 5:42 PM IST

महासमुंद: जिले के नौनिहाल प्रारंभिक शिक्षा जर्जर भवन में लेने को मजबूर हैं. जिले में संचालित आंगनबाडी के भवन जर्जर हो गए हैं और इसकी वजह से आंगनबाडी में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कभी भी बडा हादसा हो सकता है.

जर्जर है आंगनबाड़ी भवन


बरसात में सताता है डर
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को इस बात का डर सताता रहता है कि बरसात के मौसम में कोई बड़ा हादसा हो सकता है. महासमुंद जिले में 1 हजार 695 आंगनबाडी केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों में शून्य से लेकर छह साल तक के एक लाख बच्चों प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है.


छत से टपकता है पानी
आंगनबाड़ी भवन जर्जर होने की वजह से बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है और छत का प्लास्टर टूटकर जमीन पर आ जाता है. इसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है.


जर्जर हुआ भवन
सुभाष नगर में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. गुरु घासीदास वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी खासा जर्जर हो चुका है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, वे इसकी लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों से कई बार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने इस ओर सुध नहीं ली है.

महासमुंद: जिले के नौनिहाल प्रारंभिक शिक्षा जर्जर भवन में लेने को मजबूर हैं. जिले में संचालित आंगनबाडी के भवन जर्जर हो गए हैं और इसकी वजह से आंगनबाडी में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कभी भी बडा हादसा हो सकता है.

जर्जर है आंगनबाड़ी भवन


बरसात में सताता है डर
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को इस बात का डर सताता रहता है कि बरसात के मौसम में कोई बड़ा हादसा हो सकता है. महासमुंद जिले में 1 हजार 695 आंगनबाडी केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों में शून्य से लेकर छह साल तक के एक लाख बच्चों प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है.


छत से टपकता है पानी
आंगनबाड़ी भवन जर्जर होने की वजह से बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है और छत का प्लास्टर टूटकर जमीन पर आ जाता है. इसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है.


जर्जर हुआ भवन
सुभाष नगर में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. गुरु घासीदास वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी खासा जर्जर हो चुका है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, वे इसकी लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों से कई बार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने इस ओर सुध नहीं ली है.

Intro:
एंकर- महासमुंद जिले के नौनिहाल प्रारंभिक शिक्षा जर्जर भवन में लेने को मजबूर है । जी हाॅ ,ऐसा ही मामला जिले में सामने आया है । जिले में संचालित आंगनबाडी के भवन जर्जर हो गये है । जिससे आंगनबाडी में आने वाले बच्चो के साथ कभी भी बडा हादसा हो सकता है ,पर विभाग के आला अधिकारी कुभंकर्णी नींद में सोये है । जहाॅ आंगनबाडी कार्यकर्ता बरसात के मौसम में कभी भी अनहोनी की आंशका व्यक्त कर रही है ,वही आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे है ।


व्हीओ 01- महासमुंद जिले में 1695 आंगनबाडी संचालित है । जिनमें शून्य से लेकर छ वर्ष तक के एक लाख बच्चें प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने आते है । विडंबना है कि कई आंगनबाडी भवन जर्जर है और बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है एवं छत का प्लास्टर टूटकर जमीन पर आ जाता है । जिससे कभी भी कोई बडा हादसा होने की संभावना बनी रहती है । आइये हम आप को दिखाते है सुभाष नगर की दो आंगनबाडी का हाल है । ये है गुरूघासीदास वार्ड का आगंनबाडी ,जो काफी जर्जर हो चुका है । यहाॅ की आगनबाडी कार्यकर्ता लिखित शिकायत अपने उच्च अधिकारियों से कर चुकी है ,पर दो वर्ष बाद भी किसीे ने सुध नही ली । इसी प्रकार सुभाष नगर के आंगनबाडी का भी यही हाल है । आंगनबाडी कार्यकर्ताओ का कहना है कि बरसात में काफी परेशानी होती है और कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है ।


बाईट 01- सरिता बागडे - आगनबाडी कार्यकर्ता
बाईट 02- सुलेखा शर्मा - आगनबाडी कार्यकर्ता


व्हीओ 02- इस पूरे मामले में महिला बाल विकास के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे है ।

बाईट 03- सुधाकर बोंदले - जिला कार्यक्रम अधिकारी - महिला बाल विकास

व्हीओ 03- गौरतलब है कि शासन करोडो रूपये हर साल आधारभूत ढाचा पर खर्च करती है । उसके बावजूद भी वर्षो से जर्जर भवन में नौनिहालो को पढाया जाना प्रशासनिक कार्यप्रणाली को उजागर करता है ।

हकीमुदद्ीन नासिर, ईटीवी भारत, महासमुन्द, छत्तीसगढ़Body:27/04/2019_CG_MSMD_JAR_JAR_AANGANBADI_BHAVANConclusion:
Last Updated : May 2, 2019, 5:42 PM IST
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