महासमुंद: जिले के नौनिहाल प्रारंभिक शिक्षा जर्जर भवन में लेने को मजबूर हैं. जिले में संचालित आंगनबाडी के भवन जर्जर हो गए हैं और इसकी वजह से आंगनबाडी में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कभी भी बडा हादसा हो सकता है.
बरसात में सताता है डर
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को इस बात का डर सताता रहता है कि बरसात के मौसम में कोई बड़ा हादसा हो सकता है. महासमुंद जिले में 1 हजार 695 आंगनबाडी केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों में शून्य से लेकर छह साल तक के एक लाख बच्चों प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है.
छत से टपकता है पानी
आंगनबाड़ी भवन जर्जर होने की वजह से बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है और छत का प्लास्टर टूटकर जमीन पर आ जाता है. इसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है.
जर्जर हुआ भवन
सुभाष नगर में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. गुरु घासीदास वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी खासा जर्जर हो चुका है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, वे इसकी लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों से कई बार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी ने इस ओर सुध नहीं ली है.