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SPECIAL: अगर सच हो गए इनके सपने, तो बदल जाएंगे आपके काम करने के तरीके - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ

केंद्र सरकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ प्रोग्राम (Responsible AI for Youth) के फेज 2 के लिए छत्तीसगढ़ के 9 छात्रों का चयन हुआ है. इसमें सर्वाधिक छात्र महासमुंद के शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के हैं. यहां से सात छात्रों का चयन हुआ है.

Mahasamund Government Kuldeep Nigam Higher Secondary School Children
महासमुंद शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे
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Published : Jan 16, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 3:29 PM IST

महासमुंद: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्रामीण इलाके में रहने वाले सरकारी स्कूल के 7 बच्चों ने देशभर में अपना और अपने गांव का नाम रोशन किया है. इन बच्चों का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ में चयन हुआ है. छत्तीसगढ़ से कुल 9 छात्रों का चयन हुआ है. इसमें 7 अकेले महासमुंद जिले के नर्रा के शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकेंडरी स्कूल के हैं. युवा दिवस पर हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ में सभी बच्चों का चयन हुआ है.

दुनिया बदलने निकले युवा

भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के एमडी और सीईओ अभिषेक सिंह ने 12 जनवरी को युवा दिवस के अवसर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ के लिए फेस टू के लिए देशभर के टॉप 100 छात्रों की सूची जारी की है. इस सूची में छत्तीसगढ़ से 9 छात्रों का चयन हुआ है. इसमें शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 7 छात्रों ने जगह बनाई है. छत्तीसगढ़ से चयनित छात्रों में नर्रा स्कूल से वैभव देवांगन, धीरज यादव, घनश्याम निषाद, यमुना यादव, हिमांशी देवांगन, परमेश्वरी यादव और गोपिका देवांगन शामिल हैं.

50 हजार से ज्यादा छात्रों को दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण

जून में लॉकडाउन के समय जब स्कूल-कॉलेज बंद थे, तब बच्चों ने इस कार्यक्रम के लिए पंजीयन कराया था. ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद 52628 छात्र पंजीकृत हुए थे. इसमें फर्स्ट लेवल में 11466 छात्रों ने प्रशिक्षण लिया. पूरे देश से 2536 शिक्षकों ने भी प्रशिक्षण लिया. देशभर के 2441 छात्रों से 2704 आडिया लिया गया. जिसके आधार पर 12 जनवरी को परिणाम जारी किया गया. इसमें फेस टू के लिए देशभर से टॉप 100 छात्रों की सूची जारी की गई. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से 9 छात्र चयनित हुए. इसमें सात अकेले महासमुंद जिला के नर्रा स्कूल से हैं.

पढ़ें: एआई फॉर यूथ प्रोग्राम के फेज 2 के लिए राज्य के 9 छात्रों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन

छात्र वैभव देवांगन ने किया आइडिया विकसित

  • नर्रा स्कूल के एक छात्र वैभव देवांगन अपने पिता को खेतों में करने के दौरान खरपतवार से होने वाली परेशानियों को दूर करने का आइडिया विकसित किया है.
  • यहां के छात्रों कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई और एग्जाम में होने वाली धांधली को रोकने के लिए भी एक आइडिया पर काम कर रहे हैं.
  • एक छात्र ने जंगलों में हो रही पेड़ों की बेधड़क कटाई को रोकने के लिए एक ऐसी डिवाइस पर काम करना शुरू किया है, जो बीटगार्ड को जंगल के एरिया को लोकेट कर उसकी सूचना देगी.
  • एक छात्रा ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए एक आइडिया पर काम कर रही है.

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ?

कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा अध्ययन है, जिसमें ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है जिससे एक कंप्यूटर इंसान की तरह प्रक्रिया दे सके. एक्सपर्ट सिस्टम, गेम प्लेइंग, स्पीच रिंग्स, नैचुरल लैंग्वेज, कंप्यूटर विजन, नैचुरल नेटवर्क, रोबोटिक फाइनेंस, कंप्यूटर साइंस, वेदर फॉरकास्ट और एविएशन के मुख्य एप्लीकेशन हैं. एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने इंसानों के काम को बहुत आसान बना दिया है. इंसानी दिमाग के साथ एक मशीन कुछ ही घंटों में किसी काम को आसानी से कर दती है.

पढ़ें: सुदर्शन पटनायक ने दिया 'यूथ कॉल फॉर न्यू इंडिया' का संदेश

क्या कहते हैं स्कूल के प्रिंसिपल?

नर्रा स्कूल छात्र-छात्राएं कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, ग्रामीण स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से समाधान पर काम करना चाहते हैं. नर्रा स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुबोध तिवारी कहते हैं, केंद्र सरकार की यह पहल बहुत ही सार्थक और अच्छी है, क्योंकि पहले छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया. उसके बाद उन्होंने आइडिया शेयर किए और अब उन ऑडियो को क्रियान्वयन करने के लिए इंटेल के इंजीनियर इसमें बच्चों के साथ मिलकर उस आइडियाज को क्रियान्वित करेंगे.

महासमुंद: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्रामीण इलाके में रहने वाले सरकारी स्कूल के 7 बच्चों ने देशभर में अपना और अपने गांव का नाम रोशन किया है. इन बच्चों का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ में चयन हुआ है. छत्तीसगढ़ से कुल 9 छात्रों का चयन हुआ है. इसमें 7 अकेले महासमुंद जिले के नर्रा के शासकीय कुलदीप निगम हायर सेकेंडरी स्कूल के हैं. युवा दिवस पर हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ में सभी बच्चों का चयन हुआ है.

दुनिया बदलने निकले युवा

भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के एमडी और सीईओ अभिषेक सिंह ने 12 जनवरी को युवा दिवस के अवसर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ के लिए फेस टू के लिए देशभर के टॉप 100 छात्रों की सूची जारी की है. इस सूची में छत्तीसगढ़ से 9 छात्रों का चयन हुआ है. इसमें शासकीय कुलदीप निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 7 छात्रों ने जगह बनाई है. छत्तीसगढ़ से चयनित छात्रों में नर्रा स्कूल से वैभव देवांगन, धीरज यादव, घनश्याम निषाद, यमुना यादव, हिमांशी देवांगन, परमेश्वरी यादव और गोपिका देवांगन शामिल हैं.

50 हजार से ज्यादा छात्रों को दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण

जून में लॉकडाउन के समय जब स्कूल-कॉलेज बंद थे, तब बच्चों ने इस कार्यक्रम के लिए पंजीयन कराया था. ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद 52628 छात्र पंजीकृत हुए थे. इसमें फर्स्ट लेवल में 11466 छात्रों ने प्रशिक्षण लिया. पूरे देश से 2536 शिक्षकों ने भी प्रशिक्षण लिया. देशभर के 2441 छात्रों से 2704 आडिया लिया गया. जिसके आधार पर 12 जनवरी को परिणाम जारी किया गया. इसमें फेस टू के लिए देशभर से टॉप 100 छात्रों की सूची जारी की गई. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से 9 छात्र चयनित हुए. इसमें सात अकेले महासमुंद जिला के नर्रा स्कूल से हैं.

पढ़ें: एआई फॉर यूथ प्रोग्राम के फेज 2 के लिए राज्य के 9 छात्रों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन

छात्र वैभव देवांगन ने किया आइडिया विकसित

  • नर्रा स्कूल के एक छात्र वैभव देवांगन अपने पिता को खेतों में करने के दौरान खरपतवार से होने वाली परेशानियों को दूर करने का आइडिया विकसित किया है.
  • यहां के छात्रों कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई और एग्जाम में होने वाली धांधली को रोकने के लिए भी एक आइडिया पर काम कर रहे हैं.
  • एक छात्र ने जंगलों में हो रही पेड़ों की बेधड़क कटाई को रोकने के लिए एक ऐसी डिवाइस पर काम करना शुरू किया है, जो बीटगार्ड को जंगल के एरिया को लोकेट कर उसकी सूचना देगी.
  • एक छात्रा ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए एक आइडिया पर काम कर रही है.

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ?

कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा अध्ययन है, जिसमें ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है जिससे एक कंप्यूटर इंसान की तरह प्रक्रिया दे सके. एक्सपर्ट सिस्टम, गेम प्लेइंग, स्पीच रिंग्स, नैचुरल लैंग्वेज, कंप्यूटर विजन, नैचुरल नेटवर्क, रोबोटिक फाइनेंस, कंप्यूटर साइंस, वेदर फॉरकास्ट और एविएशन के मुख्य एप्लीकेशन हैं. एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने इंसानों के काम को बहुत आसान बना दिया है. इंसानी दिमाग के साथ एक मशीन कुछ ही घंटों में किसी काम को आसानी से कर दती है.

पढ़ें: सुदर्शन पटनायक ने दिया 'यूथ कॉल फॉर न्यू इंडिया' का संदेश

क्या कहते हैं स्कूल के प्रिंसिपल?

नर्रा स्कूल छात्र-छात्राएं कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, ग्रामीण स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से समाधान पर काम करना चाहते हैं. नर्रा स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सुबोध तिवारी कहते हैं, केंद्र सरकार की यह पहल बहुत ही सार्थक और अच्छी है, क्योंकि पहले छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया. उसके बाद उन्होंने आइडिया शेयर किए और अब उन ऑडियो को क्रियान्वयन करने के लिए इंटेल के इंजीनियर इसमें बच्चों के साथ मिलकर उस आइडियाज को क्रियान्वित करेंगे.

Last Updated : Jan 16, 2021, 3:29 PM IST
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