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महासमुंद: एक शख्स की जांच रिपोर्ट के इंतजार में 2 महीने तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहे 20 प्रवासी

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Published : Jul 27, 2020, 10:34 PM IST

महासमुंद जिले के केंवटापाली क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक शख्स की जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण दो महीने तक उसके 20 साथियों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहना पड़ा.

Mahasamund Quarantine Center
2 महीने बाद मजदूरों को घर जाने मिला

महासमुंद: बसना विधानसभा क्षेत्र के केंवटापाली क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों को 2 महीने बाद घर भेजा गया है. इन सभी मजदूरों को एक मजदूर की जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण इतने दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था.

जानकारी के मुताबिक बीते 10 जून को करीब 20 मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में आये थे. जिसमें से 2 लोगों के सैंपल 23 जून को लिया गया था, इसमें से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था.

इसके बाद 27 जून को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी मजदूरों का सैंपल लिया गया, लेकिन उसमें से एक मजदूर की जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रहना पड़ रहा था. बताया गया कि एक मजदूर की जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण दोबारा उस मरीज का सैंपल लिया गया. इसके बाद भी 10 दिन से अधिक हो गए थे, लेकिन फिर भी रिपोर्ट नहीं आई, जिसके कारण सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में ही रोक कर रखा गया था.

डर-डर कर सोते थे सभी प्रवासी

मजदूरों ने बताया कि लगभग 2 महीने होने तक बरसात में उन्हें स्कूल में जमीन पर सोना पड़ रहा था. इस दौरान उन्हें स्कूल के चारों ओर घास के कारण विषैले जीव-जंतु से डर लगता था, जिसके कारण कभी कभी तो वे पूरी रात जागकर बिताते थे.

अधिकारियों को एक दिन पहले मिली जानकारी

रविवार को जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी लगने के बाद सभी को उनके घर भेजने को कहा गया. हालांकि इससे पहले एक बार फिर से सभी के स्वास्थ्य की जांच की गई. जिसमें सब स्वस्थ मिले, जिसके बाद सभी को घर भेज दिया गया.

महासमुंद: बसना विधानसभा क्षेत्र के केंवटापाली क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों को 2 महीने बाद घर भेजा गया है. इन सभी मजदूरों को एक मजदूर की जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण इतने दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था.

जानकारी के मुताबिक बीते 10 जून को करीब 20 मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में आये थे. जिसमें से 2 लोगों के सैंपल 23 जून को लिया गया था, इसमें से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था.

इसके बाद 27 जून को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी मजदूरों का सैंपल लिया गया, लेकिन उसमें से एक मजदूर की जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रहना पड़ रहा था. बताया गया कि एक मजदूर की जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण दोबारा उस मरीज का सैंपल लिया गया. इसके बाद भी 10 दिन से अधिक हो गए थे, लेकिन फिर भी रिपोर्ट नहीं आई, जिसके कारण सभी को क्वारेंटाइन सेंटर में ही रोक कर रखा गया था.

डर-डर कर सोते थे सभी प्रवासी

मजदूरों ने बताया कि लगभग 2 महीने होने तक बरसात में उन्हें स्कूल में जमीन पर सोना पड़ रहा था. इस दौरान उन्हें स्कूल के चारों ओर घास के कारण विषैले जीव-जंतु से डर लगता था, जिसके कारण कभी कभी तो वे पूरी रात जागकर बिताते थे.

अधिकारियों को एक दिन पहले मिली जानकारी

रविवार को जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी लगने के बाद सभी को उनके घर भेजने को कहा गया. हालांकि इससे पहले एक बार फिर से सभी के स्वास्थ्य की जांच की गई. जिसमें सब स्वस्थ मिले, जिसके बाद सभी को घर भेज दिया गया.

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