एमसीबी: आज विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है. पर्यटन के लिहाज से छत्तीसगढ़ काफी समृद्ध है. प्रदेश का कोरिया जिला विविधाताओं से भरपूर है. मानसून में यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. चारों तरफ हरियाली के बीच कल कल बहते झरने मन को तरोताजा कर देते हैं. कोरिया जिले के कई जलप्रपात प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं. नवगठित जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहां के तीन पर्यटन स्थलों को सीएम भूपेश बघेल ने पर्यटन नक्शे में शामिल करने की घोषणा की है. Tourist places of new Manendragarh Chirmiri Bharatpur
सीतामढ़ी हरचौका: भगवान श्रीराम ने वनवास काल के दौरान यहां काफी समय गुजारे. मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 150 किलोमीटर है. छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट के तहत इस स्थल का सौंदर्यीकरण कर रही है. भगवान राम के पदचिन्ह यहां देखे जा सकते है. वहीं वनवास के दौरान माता सीता ने यहां भोजन पकाया था.
गौरघाट जलप्रपात: यह जलप्रपात भरतपुर सोतहत विधानसभा में है. मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से इस जलप्रपात की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है. यहां के जलप्रपात का मनोरम दृश्य को देखने लोग दूर दूर से यहां आते है.एक अच्छे पिकनिक स्पॉट के तौर पर इसकी पहचान है.
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रमदहा जलप्रपात: यह बनास नदी पर एक बहुत ही सुंदर झरना है जो भरतपुर जनपद पंचायत में स्थित है. मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से रमदहा जल प्रपात की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है. यह जलप्रपात पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से विकसित है जो वर्षा के दिनों में अपनी सौंद्रयता बिखेरता है. चूँकि यह जलप्रपात पूरी तरह से प्राकृतिक है, इसलिए यहाँ के स्थानीय नागरिक ही इसके बारे अच्छी तरह से परिचित हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के भेंट मुलाकात के दौरान रमदहा को छत्तीसगढ़ के पर्यटन नक्शे में शामिल करने की बात कही.
अमृतधारा जलप्रपात: यह खूबसूरत झरना मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है. यह हसदेव नदी पर स्थित प्रकृति का एक सुंदर दृश्य है. हर साल महाशिवरात्री पर अमृतधारा महोत्सव जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है. यहां बायोडायवर्सिटी और तितली पार्क का भी निर्माण वन विभाग द्वारा किया गया है.
कर्मघोंघा जलप्रपात: यह जलप्रपात के साथ ही एक शिव धाम के नाम से विख्यात है. मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 15 किलोमीटर है. कर्मघोंघा में हर साल महाशिवरात्रि और मकर संक्रांति में मेला लगता है. पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से भी पर्यटक यहां पहुंचते है. सालभर यहां लोगों की आवजाही लगी रहती है.
बालमगढ़ पहाड़ी: बालमगढ़ पहाड़ी भरतपुर सोनहत विधानसभा सोनहत ब्लाक में स्थित है. मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से इस पहाड़ी की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है. 1500 फिट की ऊंचाई पर स्थित इस पहाड़ी से गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान के खूबसूरत नजारों को निहारा जा सकता है.लोग दूर-दूर से इस पहाड़ी पर प्रकृति का नजारा देखने पहुंचते है.
सिद्धबाबा पहाड़: यह पहाड़ मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह पर्यटन के साथ ही दर्शनीय स्थल है. मनेन्द्रगढ़ के आराध्य देव सिद्ध बाबा का मंदिर इसी पहाड़ी पर स्थित है. इस पहाड़ से मनेन्द्रगढ़ शहर के एक एक कोने को देखा जा सकता है. इस पहाड़ पर केदारनाथ धाम की तर्ज पर यहां शिव मंदिर का निर्माण हो रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे पर्यटन के नक्शे में शामिल करने की घोषणा की है.
शिवधारा जलप्रपात: इस जलप्रपात की दूरी मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 30 किलोमीटर है. यहां का एक छोटा सा जलप्रपात अपने आप में दर्शनीय है इसके साथ ही यहां एक शिव मंदिर भी है। जहां लोग दर्शन के लिए भी आते है। इसके साथ ही शिवधारा जलप्रपात पिकनिक प्रेमियों की भी पहली पसंद है.
जटाशंकर धाम: मनेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय से जटाशंकर धाम की दूरी 50 किलोमीटर है. यहां सावन माह में लोग गुफा के भीतर घुटने के बल चलकर भगवान शिव को जल चढ़ाते है. इस क्षेत्र के विधायक गुलाब कमरो भी खुद हर साल यहां आकर घुटनों के बल चलकर भगवान शिव को जल अर्पित करते है. हरे भरे वृक्षो के आच्छादित यह क्षेत्र पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.