कोरिया: पति की लंबी आयु और सुहाग की सलामती के लिए महिलाओं ने सोमवार को वट सावित्री व्रत किया. सुहागिन महिलाओं ने इस अवसर पर वट वृक्ष की पूजा अर्चना की. उन्होंने वट वृक्ष पर धागा बांधा फिर वट वृक्ष पर जल, दूध, फूल और फल अर्पित किया. साथ ही वट वृक्ष की परिक्रमा कर वट वृक्ष पर रक्षा सूत्र बांधा.
वट वृक्ष की पूजा के लिए उमड़ी महिलाओं की भीड़: कोरिया में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ उमड़ने लगी. सुबह 6 बजे सुहागिन महिलाएं यहां पहुंचने लगी. सोमवती अमावस्या पर वट वृक्ष और पीपल के पेड़ की पूजा करने का विधान है. घर में सुख शांति समृद्धि के लिए वट वृक्ष और पीपल की पूजा की जाती है. अगर वट सावित्री व्रत हो तो यह पूजा और भी खास हो जाती है. इसलिए महिलाएं सुबह से वट वृक्ष के पास जुटने लगी और पूजा अर्चना करने लगी.
वट सावित्री व्रत का महत्व: वट सावित्री व्रत को सोमवती अमावस्या भी कहा गया है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां वट सावित्री व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का काफी अधिक महत्व है. यही वजह है कि इस दिन सुहाग की रक्षा के लिए महिला वट वृक्ष का पूजन करती है. जिस तरह वट वृक्ष का आयु लंबी होती है. ठीक उसी तरह सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
वट सावित्री व्रत पर महिलाओं ने किया फलाहार: वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने उपवास किया और फलाहार किया. मंगलवार को महिलाएं इस व्रत का पारण करेंगी. पंडितों की माने तो तो सनातन धर्म में वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है. वट सावित्री की पूजा करने से पति, पुत्र और धन की रक्षा होती है. यही वजह है कि महिलाएं इस दिन वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करती है. इस दिन महिलाएं सौभाग्य का सामान और पंखा दान करती हैं.