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कोरिया: कटगोड़ी में प्यास बुझाने एक हजार रुपए देकर खरीद रहे एक टैंकर पानी

कटगोड़ी में इन दिनों लोगों को 1000 रुपए देकर एक टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है. सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में बीते वर्ष जल संवर्धन के लिए जल क्रांति अभियान चलाया गया था.

एक हजार रुपए देकर खरीद रहे एक टैंकर पानी
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Published : Jun 1, 2019, 10:23 PM IST

कोरिया: जिले में चिलचिलाती धूप से तापमान बढ़ने के साथ जहां गर्मी चरम पर है. वहीं कोरिया जिले के कई इलाकों में पानी की किल्लत होना शुरू हो गया. एक ऐसा इलाका भी है, जहां गर्मी से राहत पाने गले को तर करने वाला पीने का पानी भी पैसे से खरीदा जा रहा है.

एक हजार रुपए देकर खरीद रहे एक टैंकर पानी

जिला मुख्यालय से लगभग 20 मीटर दूर सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में इन दिनों लोगों को 1000 रुपए देकर एक टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है. सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में बीते वर्ष जल संवर्धन के लिए जल क्रांति अभियान चलाया गया था. उस दौरान भारी भरकम रकम खर्च कर यहां तालाबों का निर्माण व जलाशयों की साफ-सफाई भी कराया गया था.

पानी की समस्या बरकरार
इसके बावजूद भी कटगोड़ी गांव में पानी की समस्या बरकरार है. वहीं इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. यहां के तालाब और नदी, नालों में पानी खत्म हो चुका है, जिससे लोगों को पेयजल के लिए दिक्कत हो रही हैं. वहीं मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. कटगोड़ी में पानी की किल्लत का मुख्य कारण ग्रामीण एसईसीएल द्वारा इलाके से लगातार कोयले का उत्खनन करने को बताते हैं. वहीं मूलभूत सुविधाओं की कमी का हवाला दे रहे हैं.

कोरिया: जिले में चिलचिलाती धूप से तापमान बढ़ने के साथ जहां गर्मी चरम पर है. वहीं कोरिया जिले के कई इलाकों में पानी की किल्लत होना शुरू हो गया. एक ऐसा इलाका भी है, जहां गर्मी से राहत पाने गले को तर करने वाला पीने का पानी भी पैसे से खरीदा जा रहा है.

एक हजार रुपए देकर खरीद रहे एक टैंकर पानी

जिला मुख्यालय से लगभग 20 मीटर दूर सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में इन दिनों लोगों को 1000 रुपए देकर एक टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है. सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में बीते वर्ष जल संवर्धन के लिए जल क्रांति अभियान चलाया गया था. उस दौरान भारी भरकम रकम खर्च कर यहां तालाबों का निर्माण व जलाशयों की साफ-सफाई भी कराया गया था.

पानी की समस्या बरकरार
इसके बावजूद भी कटगोड़ी गांव में पानी की समस्या बरकरार है. वहीं इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. यहां के तालाब और नदी, नालों में पानी खत्म हो चुका है, जिससे लोगों को पेयजल के लिए दिक्कत हो रही हैं. वहीं मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. कटगोड़ी में पानी की किल्लत का मुख्य कारण ग्रामीण एसईसीएल द्वारा इलाके से लगातार कोयले का उत्खनन करने को बताते हैं. वहीं मूलभूत सुविधाओं की कमी का हवाला दे रहे हैं.

Intro:एंकर - जिले में चिलचिलाती धूप से तापमान बढ़ने के साथ जहाँ गर्मी चरम पर है वहीं कोरिया जिले के कई इलाकों में पानी की किल्लत होना शुरू हो गई,एक ऐसा इलाका भी है जहाँ गर्मी से राहत पाने गले को तर करने वाली पीने का पानी भी पैसे से खरीदा जा रहा . जिला मुख्यालय से लगभग 20 मीटर दूर सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में इन दिनों लोगों को 1000 रु देकर एक टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है एसईसीएल चरचा कालरी के अंतरगत .कटगोड़ी मे संचालित कटगोड़ी साफ्ट से कोयला निकलने की वजह से कटगोड़ी क्षेत्र की धरती इस कद्र छलनी -छलनी हो गई है की लोग पानी के एक एक बुंद की लिए मोहताज हो गए है .
Body: ओ -सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में बीते वर्ष जल संवर्धन के लिए जल क्रांति अभियान चलाया गया था। उस दौरान भारी भरकम रकम खर्च कर यहां तालाबों का निर्माण व जलाशयों की साफ सफाई भी कराया गया था।इसके बावजूद भी कटगोड़ी गांव में पानी की समस्या बरकरार है।वही इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। यहां के तालाब और नदी ,नालों में पानी खत्म हो चुका है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए दिक्कत हो रही है,वहीं मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
बाईट---मोहनलाल(स्थानीय निवासी
बाईट-फुलमति (वार्ड पंच)
विओ-2- पानी की किलल्त को देखते हुए कटगोड़ी व आसपास के पानी के टैंकरों के मालिक भी दुर गांवों से पानी लाकर एक हजार रुपये प्रति टैकर कटगोड़ी मे पानी सफ्लाई कर रहे.जिसे लोग अपने निस्तारी के अनुसार उपयोग के लिए अपने कुएं मे भंडारित करके रोज निस्तार करने रख रहे है
बाईट-राजेशवर (टेंकर मालिक)
Conclusion:कटगोड़ी मे पानी की किल्लत का मुख्य कारण ग्रामिण एसईसीएल के द्वारा इलाके से लगातार कोयले का उत्खनन करने को बताते है और मनाते भी है,कटगोड़ी साफ्ट प्रबंधन के द्वारा इलाके के मुलभुत सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है जबकि खनन प्रभावित क्षेत्रों मे खनन करने वाली कंपनी या संस्था को पानी के साथ साथ मुलभुत सुविधाये भी उपल्बध करानी चाहिये
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